-हाई कोर्ट ने बुग्यालों में नाइट स्टे बैन के आदेश में किया संशोधन

- पर्यटन व्यवसायियों की याचिका पर 24 सितंबर को होगी सुनवाई

नैनीताल: हाई कोर्ट ने उच्च हिमालयी क्षेत्र के बुग्यालों में रात्रि विश्राम पर रोक लगाने से संबंधित आदेश में संशोधन किया है। कोर्ट ने भारतीय सेना को बुग्यालों में रहने की अनुमति प्रदान कर दी है। साथ ही पर्यटन व्यवसायियों के प्रार्थना पत्र पर याचिकाकर्ता को एक हफ्ते में आपत्तियां दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

24 सितंबर को दूसरी सुनवाई

हाई कोर्ट ने पूर्व में अलबेदनी बुग्याल संघर्ष समिति चमोली की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुग्यालों में रात्रि विश्राम पर रोक लगा दी थी। आदेश में कहा गया था कि बुग्यालों में एक साथ 200 से अधिक पर्यटक नहीं जाएं। कोर्ट ने बुग्यालों में निर्माण ध्वस्त करने के आदेश भी दिए थे। इस आदेश के बाद आर्मी द्वारा हाई कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया। सेना ने कहा कि प्रशासन द्वारा कोर्ट के आदेश का हवाला देकर सीमावर्ती इलाकों व बुग्यालों में गश्त करने से रोका जा रहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की खंडपीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद सामरिक महत्व के आधार पर सेना को बुग्यालों में रात्रि विश्राम की अनुमति प्रदान कर दी। कोर्ट ने सेना को बुग्यालों में स्वच्छता का ध्यान रखने तथा आवास पूर्णत: अस्थायी ही बनाने को कहा है। वहीं पर्यटन व्यवसायियों की ओर से नाइट स्टे की मांग को लेकर प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया है, जिस पर सुनवाई 24 सितंबर नियत की गई है।