- दीनदयाल हस्तकला संकुल में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन

-डिजाइन कॉन्क्लेव का हुआ शुभारंभ

- तीन मंडलों के कारीगरों ने समझा अमेरिका-यूरोप की कला को

बनारस के बुनकरों की हुनर को तराशने के लिए शुक्रवार को उप्र इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन की ओर बड़ा लालपुर स्थित पं.दीनदयाल ट्रेड फैसेलिटेशन सेंटर में डिजाइन कॉन्क्लेव का शुभारंभ शुक्रवार को किया गया। दो दिनों तक चलने वाले इस कॉन्क्लेव के उद्घाटन समारोह में केंद्रीय वस्त्रराज्य मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि काशी परिक्षेत्र हस्तकला के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। तीन मंडलों में जीआई के कई उत्पाद हैं। साथ ही कई प्रोडक्ट देश-विदेश में काफी लोकप्रिय है। यहां लघु-कुटीर उद्योग व हस्तकला का 30 प्रतिशत कारोबार होता है। बनारस की हस्तकला को विश्व पटल पर पहुंचाने के साथ ही इस जनपद को विश्व बाजार का केंद्र बनाना होगा।

हस्तशिल्पियों को विश्वस्तर पर लाने का प्रयास

मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के स्पीकर हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही डिजाइन के प्रति रुझान रहा है। इसी कला को आगे बढ़ाना है। समय-काल के साथ यह कला पिछड़ता गया लेकिन इसे पुन: समृद्ध करने की कोशिश केंद्र व राज्य सरकार की ओर से की जा रही है। प्रदेश सरकार के मंत्री सत्यदेव पचौरी ने कहा कि सरकार प्रदेश के हस्तशिल्पियों को विश्वस्तर पर लाने की पूरी कोशिश कर रही है।

कला का आदान-प्रदान से ही कारोबार

कला के आदान-प्रदान से ही कारोबार लाभकारी के साथ बेहतर होगा। यहां यूरोप, अमेरिका के प्रमुख डिजाइनरों को लाकर उनके तकनीक को समझने की कोशिश की जा रही है। आईसीसीआर के अध्यक्ष डा। विनय सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि कारीगरों को प्रोत्साहित करने से ही कला समृद्ध होगी। भारतीय शिल्पकला को विदेश में मजबूत करना होगा।

इससे पूर्व कार्यक्रम में गंगा अवतरण, शिव तांडव, गणेश वंदना पर नृत्य की प्रस्तुति की गई। स्वागत यूपी आईडी की अध्यक्ष शिप्रा शुक्ला ने की। जबकि संचालन मल्लिका यश अस्थाना ने की। इस अवसर पर श्यामनंदन सिंह, अरविंद मेनन, धनंजय सिंह, रत्‍‌नाकर, नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक सुशील कुमार तिवारी, रामनगर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष देव भट्टाचार्य, वीके वर्मा, डा। रजनीकांत आदि उपस्थित थे।

मोबाइल ऐप किया लांच

कार्यक्रम के पहले दिन उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट आफ डिजाइन की ओर से मोबाइल ऐप को लांच किया गया। इसके माध्यम से शिल्पियों को नई डिजाइन, मेला आयोजन, योजनाओं, प्रशिक्षण, अनुदान और सरकारी घोषणाओं की जानकारी मिलती रहेगी। सरकार की ओर प्रोत्साहन के लिए सात अगस्त को हैंडलूम दिवस मनाया जा रहा।

11 जिलों के बुनकर-शिल्पी ने लिया भाग

दो दिवसीय कान्क्लेव में बनारस, आजमगढ़ व मिर्जापुर मंडल के कुल 11 जिलों के बुनकर-शिल्पी भाग ले रहे है। जहां देश-दुनिया के प्रख्यात डिजाइनर्स व विशेषज्ञ विश्व बाजार की मांग के अनुसार डिजाइन पैटर्न आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी। तीनों मंडल के जीआई पंजीकृत उत्पाद व प्रस्तावित जीआई उत्पादों के कुल 40 स्टाल लगे हैं। बनारस एवं आसपास के जनपदों में 15 लाख लोग परोक्ष व अपरोक्ष रूप से सभी जीआइ पंजीकृत उत्पादों संग जुड़कर 18500 करोड़ का वार्षिक कारोबार करते हैं। इसी कारण पूर्वाचल पूरी दुनिया में जीआई हब के रूप में विख्यात है।

आज देसी-विदेशी शिल्पी समझेंगे कला

शनिवार को आयोजन के दूसरे दिन प्रथम सत्र में डिजाइनर व विशेषज्ञ बुनकरों-शिल्पियों के बीच उनके कार्य स्थल पर जाकर उनके काम करने के तरीकों को करीब से देख समझने के साथ ही उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करेंगे। इसके बाद दूसरे सत्र में समस्याओं के संभावित हल सुझाते हुए हथकरघा व हस्तशिल्प के उत्थान की दिशा तय करेंगे।

एक नजर

कॉन्क्लेव का उद्देश्य

- देश में दस लाख लोगों का कौशल विकास करने का लक्ष्य

- एक लाख परंपरागत कारीगरों को समृद्ध किया जाएगा

- प्रदेश के 28 जिलों में हस्तशिल्प पर जोर देना

- भदोही में कालीन मार्ट में काम जल्द पूरा होगा और अक्टूबर में लगेगा एक्सपो

- देश में 45 लाख लोग कपड़े के कारोबार से जुडे़ हैं