- सड़क के गड्ढे बढ़ा रहे कमर और गर्दन दर्द के रोगी

- अस्पतालों में 70 फीसदी से ज्यादा मरीज सर्वाइकल की समस्या से हैं पीडि़त

अगर आप कमर, पीठ या गर्दन की हल्की दर्द से पीडि़त हैं तो सड़क पर निकलने से पहले जरा संभल जाएं। कहीं ऐसा न हो कि यंग एज में ही आपके रीढ़ की हड्डी आपका साथ छोड़ दे। दरअसल स्मार्ट सिटी की खस्ताहाल सड़कों पर हुए जगह-जगह गड्ढे अब लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहे हैं। खस्ताहाल सड़कों पर लोग हिचकोले लेते हुए चल रहे हैं। यहां वाहन चालकों को जबरदस्त झटके लग रहे हैं, जिसकी वजह से वह कमर, गर्दन और पीठ दर्द की समस्या से पीडि़त होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। डॉक्टर्स की मानें तो गड्ढों की वजह से जहां बाइकर्स में कम उम्र में ही सर्वाइकल की समस्या आ रही है। वहीं बुजुर्गो के पुराने दर्द भी बढ़ रहे हैं।

40 फीसदी मरीजों में हुआ इजाफा

चिकित्सकों का कहना है कि खराब रोड और गड्ढों की वजह से लगातार लगने वाले झटकों से कुछ ही दिनों में लोगों को कमर दर्द शुरु हो जाता है। साथ ही उनमे स्लिप डिस्क की समस्या भी होने लगती है। एसएसपीजी हॉस्पिटल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ। एसके गुप्ता का कहना है कि कमर दर्द और स्लिप डिस्क के मरीजों की संख्या में 40 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा संख्या युवा वर्ग की है। पहले की तुलना में अब ऐसे मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। उन्होंने बताया कि गाड़ी चलाते समय शरीर मे जर्क लग जाता है, जिससे कमर दर्द शुरु हो जाता है।

महमूरगंज से बाईपास तक बेहाल

सिगरा तिराहे से आकाशवाणी की ओर जाने वाला महमूरगंज रोड पिछले 15 साल से बेहाल है। यहां के गड्ढों को कभी भी भरा नहंी गया। वहीं डीएलडब्ल्यू चौराहे से नेवादा, ककरमत्ता, चितईपुर, अवलेसपुर, बाईपास तक पुहंचने वाली ऐसी कोई सड़क नहीं है जहां लोग बगैर हिचकोले लिए गाडि़यां चला सकें। यही नहीं बेनियाबाग से कबीरचौरा की ओर जाने वाले रोड के गड्ढे न भरे जाने की वजह से लोगों की कमर कमजोर हो रही है। इसकी फिक्र न शासन को है और न ही जिला प्रशासन को।

गिट्टियों पर चल रही गाडि़यां

बता दें कि चितईपुर से बाईपास की ओर जाने वाली सड़क पूरी तरह से खराब हो चुकी है। यहां लोग गिट्टियों और उसमें उड़ते धूल के गुबार में गाडि़यां चलाने को मजबूर हैं। इससे वाहन चालकों को असुविधा का सामना करना पड़ा रहा है। रात को तो लोग रास्ता खराब होने की वजह से गिरकर घायल भी हो जा रहे हैं। स्थानीय लोगों की मानें तो वाहन खरीदते समय ही लोगों से लाइफ टाइम रोड टैक्स जमा करा लिया जाता है। इसके बाद भी अच्छी सड़कें नहीं मिल पाती। उनका कहना है कि पीएम, सीएम जिस रोड पर चलते हैं, वहां की सड़कें तो चकाचक कर दी जाती है, लेकिन जहां-जहां उनका काफिला नहीं जाता, वहां की सड़कें आज तक बदहाल ही हैं।

हॉस्पिटल में रोजाना 350 से ज्यादा आर्थो की समस्या से पीडि़त मरीज आते हैं। जिसमें 70 फीसदी से ज्यादा मरीज कमर, पीठ, गर्दन और स्लिप डिस्क की समस्या से परेशान रहते हैं।

डॉ। एके सिन्हा, आर्थोपेडिक्स, एसएसपीजी हॉस्पिटल