- सम्मेलन मार्केट के फर्जी एनकाउंटर मामले में आठ अपराधी को कोर्ट ने सुनायी है सजा

- 2002 में तीन दोस्तों की फर्जी एनकाउंटर में हुई थी मौत

- सिर्फ दो रुपए के लिए आठ गोली मार दी गयी

- लालू यादव कर रहे थे पीसी तभी पीडि़त के घर वालों ने की अपील

- 12 साल की सजा की बात पर आंखें हो जा रही हैं नम

PATNA (5 June) : आशियाना नगर चौराहे के मनभावन स्वीट्स का शटर गिरा था। मनसुख के मालिक और उनकी वाइफ सुबह से ही अपने एडवोकेट से फोन पर बात कर रहे थे। इन्हें जानकारी मिली कि इनके बेटे के हत्यारों को कोर्ट ने सजा सुना दी है। खुशी कि उनके बेटे को बेकसूर माना गया। दुख इस बात की कि उनका बेटा अब उनके पास नहीं है। साथ ही अपराधियों को कितनी सजा मिलेगी इसकी भी जानकारी उन्हें नहीं है। विकास रंजन की मां कुंदन गुप्ता ने कहा कि सजा ऐसी मिले कि कोई भी इस तरह की घटना को अंजाम देने से पहले डर जाए। क्योंकि बेटे को फर्जी एनकाउंटर में मारना और उसे अपराधी कहने की टीस आज भी कलेजे को हिला कर रख देती है। मनभावन स्वीट्स के मालिक जगदीश गुप्ता और उनकी वाइफ कुंदन गुप्ता की आंखें उन दिनों को याद करके आज भी डर जाती हैं। वो सिहर उठती हैं जब कोई उससे उन दिनों को याद करने के लिए कहता है। लेकिन मां और पिता की लड़खड़ाती जुबान मिनटों में ख्8 दिसंबर ख्00ख् की कहानी सुना देती है।

प्रशांत अपनी गाड़ी से आया था और वही ले गया

ख्8 दिसंबर ख्00ख् की गुनगुनी शाम में चार बजे के करीब प्रशांत अपने फ्रेंड हिमांशु के साथ विकास रंजन को लेकर आशियाना चौराहा से अंदर सम्मेलन मार्केट की ओर निकल गया। तीनों दोस्तों ने राजीव नगर के एक फ्रेंड को भी बुलाने का प्लान किया। ताकि चारों एक साथ बैठकर गपशप मार पाएं, क्योंकि चार में से दो की नौकरी पक्की हो गई थी और दोनों जल्द ही जाने वाले थे। इसलिए चारों एक पल भी एक दूसरे से अलग नहीं रहना चाह रहे थे। बाइक अपनी स्पीड से टूटी-फूटी सड़कों पर चल रही थी कि तभी नया-नया बना सम्मेलन मार्केट के सामने जाकर सभी रुक गए।

बूथ से फोन करने का प्लान किया और अंदर घुसे

तीनों फ्रेंड में से दो पहले सम्मेलन मार्केट की गली जो पहले पूरी तरह खुली थी, के बूथ में गए और वहां से राजीव नगर स्थित अपने फ्रेंड को फोन किया। फोन का रिंग नहीं बजा तो उन लोगों ने फोन रख दिया। फोन रखते ही फॉल्स बिल दो रुपए का आ गया। इस पर प्रशांत और विकास रंजन ने बूथ मालिक कमलेश गौतम को कहा कि यह बिल गलत है। इस पर वो आनन फानन में दोनों के साथ मारपीट करने लगे। इस पर बाहर से हिमांशु भी अंदर गया तो आसपास के दुकानदारों ने मिलकर तीनों की जमकर पिटाई शुरू कर दी।

तब तक शास्त्रीनगर पुलिस को बुलाया

इस दौरान शास्त्रीनगर पुलिस को भी फोन करके बुला लिया गया। आसपास के दुकानदारों ने तीनों बच्चों को मारते-मारते बेसुध कर दिया था। इस दौरान आने जाने वाले तीनों बच्चों को पहचान रहे थे और कह रहे थे कि इस तरह से इन्हें नहीं मारना चाहिए, लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थे। पुलिस भी आनन फानन में तीनों को डकैत समझते हुए उस पर गोली दागनी शुरू कर दी।

सात से आठ गोली मारी, डकैत बनाया, मामला दर्ज किया

इस दौरान शास्त्रीनगर पुलिस की ओर से दारोगा शमशे आलम, सिपाही अरुण सहित दल बल के साथ वहां पर पहुंच गए और बिना कुछ जाने पहचाने ही तीनों बच्चों को डकैत साबित कर दिया। दारोगा यह साबित करने में रहा कि तीनों नटवा व छोटवा डकैत के साथ रहता है। लेकिन सीआईडी रिपोर्ट भी फर्जी एनकाउंटर में तीनों में स्टूडेंट मानते हुए इसमें शामिल आठों को अपराधी करार दिया है। विकास रंजन के पिता ने एक लंबी सांस ली और कहा कि अब क्या होगा, मेरा बेटा और उसके दोस्त बेकसूर निकला, तो किस वजह से सात से आठ गोली उसे मारी गयी। अब मेरा बेटा लौट सकता है क्या।

क्ख् साल से तीन फैमिली बर्बाद हो चुकी है

विकास रंजन, प्रशांत और हिमांशु के फैमिली अब ढूंढ़े नहीं मिलते हैं। फैमिली मेंबर किसी से मिलना नहीं चाहते हैं। क्ख् साल हो गए हैं। विकास का छोटा भाई डॉक्टर बनना चाहता था। आज क्लर्क का काम कर रहा है। प्रशांत और हिमांशु के भाई और पिता का पूरा परिवार तबाह हो गया। प्रशांत को ख्00फ् में मर्चेंट नेवी में ज्वाइन करनी थी और हिमांशु को पीडब्ल्यूडी में क्भ् जनवरी को ज्वाइन करना था। तीनों को लापरवाही की भेंट चढ़ा दी गयी।

सम्मेलन मार्केट आज तक खड़ा नहीं हो सका

आशियाना दीघा रोड स्थित सम्मेलन मार्केट में जहां तीनों का फर्जी एनकाउंटर हुआ था। उस घटना के बाद इस मार्केट को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया था। लोगों ने आग लगा दी। क्ख् साल बाद भी इस मार्केट की एक दर्जन से अधिक दुकानों का शटर गिरा हुआ है। कस्टमर कम आते हैं। बगल में एक नया मल्टीप्लेक्स मार्केट बन रहा है। सम्मेलन मार्केट में शॉप चला रहे अरविंद ने कहा कि उम्मीद है कि इस मार्केट के बनने के बाद यहां फिर से कस्टमर की भीड़ आनी शुरू होगी।

दारोगा, सिपाही, बूथ वाले और शॉप कीपर को सजा

सम्मेलन मार्केट फर्जी एनकाउंटर में आठ लोगों को सजा सुनायी गयी है। इसमें शास्त्रीनगर थाना का दारोगा शमशे आलम, सिपाही अरुण, शॉपकीपर कमलेश गौतम, राकेश मिश्रा, सोनी रजक, कुमुंद रंजन सहित दो अन्य जिसमें कमलेश गौतम का साला और एक को सजा सुनायी गयी है। ये तमाम लोग सम्मेलन मार्केट में शॉपकीपर थे और पुलिस के वे लोग शामिल थे, जिसने घटना को अंजाम दिया। इस घटना के बाद से शमशे आलम अब तक जेल में ही है।

लालू के पीसी के समय ही पहुंचे जगदीश गुप्ता, कुंदन गुप्ता

इस घटना के बाद जगदीश गुप्ता और उनकी पत्‍‌नी कुंदन गुप्ता सीधे लालू यादव से मिलने के लिए गए थे। जगदीश गुप्ता ने बताया कि उस समय एक जर्नलिस्ट का अपहरण हुआ था उसकी बरामदगी का प्रेस कांफ्रेंस चल रहा था। उस दौरान हमलोगों ने जाकर अपनी बात रखी तो फिर जांच कमेटी बनायी गयी और जांच का सिलसिला शुरू हुआ।