- विपक्ष ने नियम 310 में चर्चा किए जाने की मांग की

- सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्य दो बार वेल में आए, नारेबाजी व वॉकआउट किया

DEHRADUN: उत्तराखंड विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन भी जहरीली शराब प्रकरण को लेकर हंगामा जारी रहा। विपक्ष ने नियम 310 के तहत चर्चा किए जाने के साथ विधवा हो चुकी महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों में सेवा में लेने के साथ ही अब तक मुआवजे की राशि पीडि़तों के आश्रितों को न मिल पाने का आरोप लगाया। आरोप लगाए कि पीडि़त क्षेत्र में न तो आबकारी मंत्री पहुंचे, न सीएम। जबकि मृतकों के परिजनों के पास घटना के उपरांत दाह संस्कार के लिए पैसे तक नहीं थे। कांग्रेसियों ने कहा कि मुआवजा 10 लाख रुपए दिया जाए। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्षी सदस्य दो बार वेल में आए और उसके बाद वॉकआउट कर दिया। कांग्रेसियों ने धरना देकर सीएम व आबकारी मंत्री का इस्तीफा भी मांगा।

- कांग्रेस ने शराब कांड पर नियम 310 के तहत चर्चा किए जाने की उठाई मांग

- नेता प्रतिपक्ष डा। इंदिरा हृदयेश ने कहा कि जहरीली शराब से मृतकों की विधवाओं को आजीविका संचालन के लिए आंगनबानबाड़ी केंद्रों में सेवा में लिया जाए

- विधायक ममता राकेश ने कहा कि जहरीली शराब को लेकर उन्होंने पहले ही पुलिस अधिकारियों को जानकारी दे दी थी।

- विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि सुनने में आया है कि भ्रष्टाचार का पैसा विभागीय अधिकारियों व मंत्रियों तक पहुंचता है। जिस पर आबकारी मंत्री ने आपत्ति तक जताई।

- उप नेता प्रतिपक्ष व विधायक करन मेहरा ने आबकारी मंत्री व सीएम का इस्तीफा मांगा।

- प्रकरण में डीएम, एसएसपी व डीईओ पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। - विधायक हरीश धामी ने चंडीगढ़ व हरियाणा की शराब राज्यभर में सप्लाई होने के आरोप लगाए।

- विधायक मनोज रावत ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र केदारनाथ में गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ तक अवैध शराब की बिक्री हो रही है।

- आबकारी मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि जहरीली शराब मामले में सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आबकारी व पुलिस विभाग के 17 कर्मचारियों पर कार्रवाई की है।

- स्पीकर ने विधानसभा की एक समिति गठित करने की घोषणा की। समिति स्थलीय निरीक्षण कर सुझाव देगी। सदस्यों की घोषणा बाद में की जाएगी।