नई दिल्ली (आईएएनएस)। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1998 में पीएम का पद संभालने के बाद ही परमाणु परीक्षण को मंजूरी दे दी थी। ये वही परीक्षण था जिसने भारत को दुनिया में परमाणु पावर स्टेट साबित किया था।

पाकिस्तान के साथ शांति बनाए रखना बड़ा कदम

अटल बिहारी वाजपेयी हमेशा देश को विषम परिस्थितियों से निकालने में अागे रहे। कारगिल युद्ध और 2001 के संसद पर हमले के बावजूद पाकिस्तान के साथ शांति बनाए रखना उनके कार्यकाल का एक अनिश्चित प्रयास रहा है।

वाजपेयी दूसरे आर्थिक सुधारक रूप में सामने आए
कहा जाता है कि पीवी नरसिम्हा राव के बाद अटल बिहारी वाजपेयी देश के दूसरे आर्थिक सुधारक रूप में सामने आए। नरसिम्हा ने दशकों के संरक्षणवाद और राज्य नियंत्रण के बाद 1991 में भारतीय अर्थव्यवस्था को खोला था।

विदेश तक देश की दशा और दिशा बदल गई थी
अटल बिहारी वाजपेयी ने 1991 में नरसिम्हा राव सरकार द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों को बेहद शालीनता से आगे बढ़ाया। उन्होंने आर्थिक मोर्चे पर कई ऐसे कदम उठाए जिससे विदेश तक देश की दशा और दिशा बदल गई थी।

अटल बिहारी ने नहीं बदली नरसिम्हा राव की नीतियां
1998 में बीजेपी सत्ता में आई तो निवेशकों के बीच यह भ्रम तेजी से फैल गया था कि नई सरकार नरसिम्हा राव सरकार की आर्थिक नीतियों को उलट देगी लेकिन यह निराधार था। अटल बिहारी ने ऐसा बिल्कुल नहीं किया था।

राज्यों के मूल्य वर्धित कर को तेजी से बढ़ावा दिया

सत्ता में आने के कुछ दिन बाद ही वाजपेयी सरकार ने राज्यों के मूल्य वर्धित कर (वैट) को तेजी से बढ़ावा दिया। खास बात तो यह है कि संप्रग सरकार के शुरुआती दिनों में ही यह नई कर व्यवस्था पूरी तरह अमल में आ गई थी।

सरकार की भूमिका कम कर अलग से विनिवेश मंत्रालय

अटल जी ने बिजनेस और इंडस्ट्री में सरकार की भूमिका कम कर अलग से विनिवेश मंत्रालय बनाया। भारत एल्यूमीनियम कम्पनी,  हिंदुस्तान जिंक, इंडिया पैट्रोकैमीकल्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड तथा वी.एस.एन.एल. में विनिमेश का फैसला लिया था।

अटल ने टेलिकॉम इंडस्ट्री को तेजी से बढ़ावा दिया
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने टेलिकॉम इंडस्ट्री को तेजी से बढ़ावा दिया। उन्होंने 1999 में नई दूरसंचार नीति (एनटीपी) के तहत एक तय लाइसेंस फीस हटाकर रेवन्यू शेयरिंग शुरू करने जैसे कई बड़े फैसले लिए थे।

वाजपेयी शासन में राजकोषीय जवाबदेही ऐक्ट बना था
वाजपेयी शासन में राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए राजकोषीय जवाबदेही ऐक्ट बना था। इससे सार्वजनिक क्षेत्र बचत में मजबूती आई। वित्त वर्ष 2000 में जीडीपी के -0.8 से बढ़कर वित्त वर्ष 2005 में 2.3 फीसदी पहुंची थी।

स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना की शुरुअात हुई थी
2001 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासन में स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना की शुरुअात हुई थी। स्वर्णिम चतुर्भुज की कुल लंबाई 5,846 किलोमीटर  है और यह 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से होकर गुजरती है।

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