-आरयू, गांधी उद्यान, रजिस्ट्री ऑफिस कहीं भी सेफ नहीं वाहन

- पुलिस की हीलाहवाली से दिन पर दिन बढ़ रहीं चोरी की घटनाएं

BAREILLY: केस 1- 2 फरवरी को बन्नूवाल कॉलोनी निवासी आदर्श अग्रवाल रजिस्ट्री ऑफिस गए थे। उन्होंने बाइक ऑफिस कैंपस में खड़ी की थी, लेकिन जब वह काम कराकर बाहर आए तो बाइक गायब थी।

केस 2- 29 जनवरी को अशोक सम्राट नगर में रहने वाल नितुल कुमार की बाइक घर के अंदर से चोरी हो गई थी। चोर घर से अन्य सामान भी लेकर गए। उन्होंने बारादरी थाना में एफआईआर दर्ज करायी है।

केस 3-दुर्गा नगर निवासी विकास ने बताया कि उसकी बाइक गांधी उद्यान के बाहर से कुछ दिन पहले ही चोरी हुई है। वह गांधी उद्यान के पास में ही मीटर रीडिंग के लिए गए थे।

केस 4-खुर्रम गौटिया के रहने वाले राम प्रकाश भारती का श्यामगंज में सेवा केंद्र है। उन्होंने अपनी बाइक सेवा केंद्र के बाहर खड़ी थी। जब वह किसी काम के लिए बाहर निकले तो उनकी बाइक गायब थी।

केस 5-पुराना शहर के रहने वाले एक युवक ने बताया कि 27 जनवरी को वह रुहेलखंड यूनिवर्सिटी स्टेडियम गया था। उन्होंने अपनी बाइक स्टेडियम के अंदर खड़ी की थी। जब वह वापस लौटे तो उनकी बाइक वहां से चोरी हो चुकी थी।

पुलिस की हीलाहवाली से शातिर चोरों के हौसले दिन पर दिन बुलंद होते जा रहे हैं। वह घर और कैंपस के अंदर भी सेंध लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। बढ़ती चोरी की घटनाओं से शहर की जनता में दहशत और रोष है। आरयू कैंपस, गांधी उद्यान, स्टेडियम, रजिस्ट्री ऑफिस, कचहरी कहीं भी वाहन सेफ नहीं रह गए हैं। चोरों के टारगेट पर टू-व्हीलर हैं, जिनकी पुलिस एफआईआर दर्ज करने में ही आनाकानी करते हैं। बरेली जिले में सालाना वाहन चोरी का आंकड़ा एक हजार तक पहुंच रहा है, जिसमें बरामदगी सिर्फ डेढ़ सौ तक ही हो पाती है।

ज्यादातर भीड़भाड़ वाले एरिया निशाने पर
ज्यादातर वाहन चोरी के मामले भीड़-भाड़ वाले एरिया से सामने आते हैं, क्योंकि यहां कई वाहन खड़े होते हैं। भीड़ अधिक होने के कारण लोग अपने वाहन गंतव्य स्थान से थोड़ी दूर खड़ा करते हैं। चोर इसी का फायदा उठाकर आसानी से बाइक चुरा लेते हैं। यही वजह है कि कचहरी, रजिस्ट्री ऑफिस, हॉस्पिटल के बाहर व अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर खड़े होने वाले वाहन चोरों के निशाने पर रहते हैं।

लोगों की व्यस्तता का उठा रहे फायदा
चोर शहर के ऐसे एरिया को भी निशाना बना रहे हैं, जहां ज्यादा भीड़ नहीं होती है। वह ऐसी जगह चुन रहे हैं, जहां पर मौजूद लोग अपने काम में व्यस्त होते हैं और वह काम खत्म होने पर ही वाहन लेने आते हैं।

बंद घरों भी निशाने पर
बंद घरों से लगातार सामान चोरी हो रहे है, जिन्हें पुलिस रोकने में नाकाम है। अब चोर घरों के अंदर और बाहर से वाहन भी चोरी कर रहे है। गैलरी में खड़े होने वाले वाहनों को आसानी से लेकर फरार हो रहे हैं।

खुद ही करें निगरानी
जिस तरह से सालाना वाहन चोरी का रिकार्ड नौ सौ से बढ़कर एक हजार पहुंच गया है, उससे साफ है कि पुलिस चोरी रोकने में पूरी तरह से नाकाम है। ऐसे में लोग खुद ही अपने वाहन की सेफ्टी करें तो बेहतर होगा।

रूरल एरिया में सप्लाई
ज्यादातर वाहन चोरी के मामलों में सामने आया कि चोर पास के ही जिलों में चोरी के वाहन सस्ते दाम में बेंच देते हैं। इसके लिए गाड़ी मे रखे कागजों का ही इस्तेमाल कर लेते हैं, जिसकी वजह से चोरी का वाहन चेकिंग में भी पकड़ा नहीं जाता है। इसके अलावा कुछ वाहनों को कबाडि़यों की मदद से काट कर बेच दिया जाता है।