-उप्र लोक सेवा आयोग की लचर व्यवस्था की भेंट चढ़ा अपर निजी सचिव भर्ती परीक्षा-2013

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PRAYAGRAJ: उप्र लोक सेवा आयोग की एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती पेपर लीक का प्रकरण हो या अपर निजी सचिव भर्ती परीक्षा-2013 का मसला. प्रतियोगी छात्रों की आस हर बार टूटी है. एलटी ग्रेड का मामला तो अभी ताजा है, लेकिन एपीएस भर्ती परीक्षा आयोग की लचर व्यवस्था की भेंट चढ़ चुकी है. इसकी बड़ी वजह यही है कि पांच साल से ज्यादा का वक्त बीतने के बावजूद इस परीक्षा के अंतिम चरण की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो सकी है. इसे एलटी ग्रेड पेपर लीक प्रकरण के बाद स्थगित कर दिया गया है.

दिसम्बर-2013 में शुरू हुई थी प्रक्रिया

एपीएस भर्ती परीक्षा-2010 की तरह ही एपीएस भर्ती परीक्षा-2013 का हाल हो गया है. जहां 2010 की भर्ती प्रक्रिया सात वर्ष बाद तीस अक्टूबर-2017 को अंतिम परिणाम निकलने के साथ पूरी हुई थी. वहीं 2013 की भर्ती परीक्षा के दिसम्बर-2013 में भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी. इसके जरिए उप्र सचिवालय में एपीएस के 176 पदों पर भर्ती की जानी है.

दो वर्ष बाद हुई थी पहले चरण की परीक्षा

एपीएस भर्ती परीक्षा के अन्तर्गत पहले चरण में सामान्य ज्ञान, हिन्दी की लिखित परीक्षा, दूसरे चरण में आशु लेखन टंकण परीक्षा व तीसरे और अंतिम चरण में कम्प्यूटर ज्ञान की परीक्षा होनी थी. खास बात रही कि आवेदन लेने के दो साल बाद 11 अक्टूबर-2015 को पहले चरण की परीक्षा आयोजित कराई गई थी.

दूसरा चरण की परीक्षा एक वर्ष में

आयोग की लचर कार्यप्रणाली का आलम यह रहा कि पहले चरण की परीक्षा एक वर्ष के अंतराल पर 16 से 25 फरवरी-2016 के बीच दूसरे चरण की लिखित व आशु लेखन टंकण परीक्षा आयोजित कराई गई थी. इसका परिणाम पांच सितम्बर-2018 को घोषित किया गया था.

दो बार स्थगित हुआ अंतिम चरण

एपीएस भर्ती परीक्षा-2013 के अंतिम चरण के अन्तर्गत कम्प्यूटर ज्ञान परीक्षा को दो बार स्थगित किया जा चुका है. पहली बार तीसरे चरण की परीक्षा 26 मई से कराने की घोषणा की गई थी लेकिन तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार ने अपरिहार्य कारणों से इसे स्थगित कर दिया था. बीस मई को आयोग की छमाही भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी किया गया तो यह परीक्षा 15 दिसम्बर से कराने की तिथि निर्धारित की गई थी. लेकिन एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के पेपर लीक प्रकरण के चलते पीसीएस-18 मुख्य परीक्षा के साथ ही इसे भी दूसरी बार स्थगित कर दिया गया था.

वर्जन

पीसीएस की तुलना में एपीएस भर्ती परीक्षा छोटी प्रक्रिया थी. लेकिन आयोग के भ्रष्टाचार की वजह से पांच साल बाद भी प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है. इसकी वजह यही है कि आयोग अपनी सुविधा के अनुसार परिणाम निकालता है ना कि प्रतियोगियों के भविष्य के हिसाब से

-अवनीश पांडेय, प्रवक्ता प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति