टाटा स्टील कम्पनी के एक अधिकारी ने कहा कि राजेंद्र सिंह पाल के साथ अर्थशास्त्र स्नातक मेघलाल महाता और बिनिता सोरेन ने भी 8,848 मीटर ऊंची चोटी का मापा. पाल सुबह 4.40 बजे चोटी पर पहुंचा, जबकि महाता और सोरेन सुबह 6.50 बजे चोटी पर पहुंचे.

टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन ने इस यात्रा का खर्च उठाया, जिसकी अध्यक्ष बछेंद्री पाल है. पर्वतारोहियों को बधाई देते हुए टाटा स्टील के मैनेजिंग डाइरेक्टर एचएम नेरूरकर ने कहा कि उनकी कम्पनी 75 लाख की इस यात्रा को प्रायोजित करके काफी खुश है, जिसमें झारखण्ड के युवाओं को सफलता मिली है.

नेरूरकर ने कहा कि वह आत्मविश्वास और समूह भावना बढ़ाने वाली, नेतृत्व का विकास करने वाली और लम्बे समय में सशक्तीकरण करने वाली गतिविधियों को मदद करते रहेंगे. तीनों अनुभवी पर्वतारोहियों को बछेंद्री पाल ने प्रशिक्षित किया है.

इस यात्रा में बछेंद्री पाल उनके साथ जिरी से तेंगबोचे तक गईं, जहां से पर्वतारोहियों ने चोटी को नापना शुरू किया. बछेंद्री ने 1993 में माउंट एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ने वाले भारत-नेपाल संयुक्त यात्रा दल का नेतृत्व किया था और चोटी को नापने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी.

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