आगरा। सोशल साइट ट्विटर पर की गई कंप्लेन के बाद तत्काल एक्शन में आने वाली पुलिस के प्रति शहर की एक बैंक कर्मी महिला का अनुभव काफी बुरा गुजरा। उसे अपने साथ हुई लूट की एफआईआर दर्ज कराने के लिए 20 घंटे का वक्त लग गया। जबकि हैरानी की बात ये है कि घटनास्थल से चंद कदम की दूरी पर चौकी स्थित है और पुलिस सीमा विवाद कहकर महिला को इधर से उधर थानों में भेजती रही।

 

बैंक के पास छीना बैग

दयालबाग निवासी रीना जैन पत्नी स्व। एमके जैन खंदारी बाईपास स्थित सिडीकेट बैंक में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं। गुरुवार को वह बैंक का काम खत्म कर एक्टिवा से संजय प्लेस जा रही थीं। उसी दौरान ब्लैक टू-व्हीलर पर एक बदमाश आया। बैंक से 100 मीटर की दूरी पर उनका बैग छीन कर भाग निकला। महिला क्लर्क ने शोर मचा दिया। वह चीखती रही, लेकिन लोग तमाशबीन बने रहे।

 

इधर से उधर चक्कर लगवाया

पीडि़ता ने पुलिस कंट्रोल रूम कॉल किया, लेकिन काफी देर तक पुलिस मौके पर नहीं आई। पीडि़ता खंदारी पुलिस चौकी पर गई। वहां पर बताया कि हमारा क्षेत्र नहीं लगता। थाना न्यू आगरा लगता है। वह थाना न्यू आगरा गई तो उन्हें बताया गया कि घटनास्थल थाना हरीपर्वत है। वह हरीपर्वत पहुंची तो बताया कि घटनास्थल न्यू आगरा है। पुलिस के लचर रवैये से बदमाश भाग निकले। थक हारकर पीडि़ता घर लौट गई। शुक्रवार दोपहर को फिर से वह थाना हरीपर्वत पहुंची। यहां से फिर से उन्हें थाना न्यू आगरा भेजा। इस बार पुलिस की जांच पूरी हुई। दोपहर में डेढ़ बजे पुलिस ने उनकी शिकायत ली.े

 

अपनी पीठ थपथपा रही पुलिस

एक तरफ यूपी पुलिस सोशल साइट पर शिकायतों के जल्द निस्तारण का ढिंढोरा पीट रही है। यूपी पुलिस के सोशल मीडिया प्रभारी को दिल्ली में प्रस्तुति देने बुलया गया गया। लेकिन पुलिस की जमीनी हकीकत कुछ और ही है।