बाल आयोग के निर्देश पर सीईओ को करनी है प्राइवेट स्कूल्स की जांच

स्कूल खुलने के बाद जाना जाएगा पैरेंट्स और स्टूडेंट्स का पक्ष

देहरादून,

दून में प्राइवेट स्कूल्स की मनमानी और स्कूलिंग इमेज को लेकर आई कम्पलेन और बाल आयोग के निर्देश पर होने वाली जांच अब दो जुलाई के बाद आगे बढ़ेगी. सीईओ आशारानी पैन्यूली ने बताया कि अभी समर वैकेशन्स के चलते स्कूलों में जांच करना संभव नहीं है, ऐसे में वास्तविक रिपोर्ट और पैरेंट्स का पक्ष जानने के लिए 2 जुलाई तक का इंतजार करना पड़ेगा, उन्होंने कहा कि स्कूलों के रि-ओपन होते ही जांच शुरू कर दी जाएगी.

कई स्कूलों की है कम्पलेन

बाल आयोग को स्कॉलर्स होम समेत कई स्कूलों की कम्पलेन मिली है. जिसमें स्कॉलर्स होम में आरटीई के अंर्तगत स्टूडेंट्स से एडमिशन शुल्क, कॉशनमनी आदि की जांच के आदेश दिए गए हैं, इसके लिए बाल आयोग ने सीईओ से रिपोर्ट मांगी है. इसके अलावा दून युधिष्ठिरा पब्लिक स्कूल की मान्यता के अलावा कई ंिबंदुओं पर भी जांच होनी है. जिसके लिए सीईओ अपने स्तर से जांच करेंगी. आशारानी पैन्यूली ने बताया कि वर्तमान में सिर्फ स्कूलों के डॉक्यूमेंट ही चेक हो पाएंगे, जबकि स्टूडेंट्स और पैरेंट्स का पक्ष जानने के लिए स्कूल के रि-ओपन होने का इंतजार करना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि इस बाबत स्कूलों ने भी रिक्वेस्ट की है. सीईओ ने कहा कि दो जुलाई को स्कूलों के ओपन होने के बाद ही जांच की जाएगी.

10 अन्य स्कूलों की जांच

पैरामीटर्स पूरे न करने पर बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सीईओ को दो स्कूलों की जांच के आदेश दिए हैं. जिसमें दून युधिष्ठिरा पब्लिक स्कूल बिना एनओसी के चलाने और जरूरी दस्तावेज न होने के अलावा स्कॉलर्स होम स्कूल में आरटीई के अंर्तगत नियमों का पालन न होना, कई मदों में फीस लेने की कम्पलेन की जांच शिक्षा विभाग को करनी है. इसके साथ ही 10 अन्य निजी स्कूलों की भी कम्पलेन के आधार पर जांच होनी है. सीईओ ने कहा कि हर स्कूल की सभी पैरामीटर्स को लेकर बारीकी से जांच की जाएगी.