सूबे के आवारान इलाक़े के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि कर दी है, जबकि 300 से ज़्यादा ज़ख़्मी हैं.

ज़िला कीच के डिप्टी कमिश्नर की तरफ़ से जारी बयान में कहा गया है कि आठ लोग मारे जा चुके हैं.

आवारान के सरकारी अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अमीर बख्श ने 52 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है.

उन्होंने बीबीसी संवाददाता अहमद रज़ा को टेलीफ़ोन पर बताया कि मारे जाने वालों में सबसे अधिक बच्चे हैं.

अस्पताल ने कहा है कि उसे बड़े पैमाने पर दर्द से छुटकारा दिलाने वाली दवाइयों और एंटीबॉयटिक्स की ज़रूरत है.

बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ने कहा है कि आवारान में स्थानीय स्कूल भवन के अलावा कई सरकारी कार्यालय तबाह हो गए हैं.

टापू तैयार

पुलिस का कहना है कि भूंकप के झटकों की वजह से गवादर के तटीय इलाक़े में तीस मीटर चौड़ा एक टापूनूमा क्षेत्र तैयार हो गया है.

अधिकारियों का कहना है कि सैकड़ों गांव पूरी तरह से तबाह हो गए हैं और हज़ारों लोगों को रात खुले में गुज़ारनी पड़ रही है.

सरकार ने दो ज़िले में आपात स्थिति की घोषणा कर दी है. आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है.

भूकंप का केंद्र अवारन का इलाक़ा था.

पाकिस्तान के प्रमुख मौसस वैज्ञानिक मोहम्मद रियाज़ ने बताया है कि बलूचिस्तान में खुज़दार कस्बे में बड़ा भूकंप आया.

कुछ मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अवारन ज़िले में बचाव कार्य चल रहा है.

झटके

बलूचिस्तान भूकंप: मरने वालों की संख्या 200अमरीकी जियोलॉजिकल सर्वे ने पहले इसकी तीव्रता 7.4 बताई थी लेकिन बाद में ये आँकड़ा 7.8 कर दिया गया.

दिल्ली में भी झटके महसूस किए गए. वहीं अहमदाबाद में भी लोग घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए.

उधर पाकिस्तान में कराची और हैदराबाद में भी हल्के झटके महसूस किए गए और लोग अपने दफ़्तरों से बाहर आ गए.

बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा सूबा है लेकिन जनसंख्या के हिसाब से वहाँ कम लोग रहते हैं. भूकंप स्थानीय समयानुसार शाम साढ़े चार बजे आया.

बलूचिस्तान में पहले भी भूकंप आ चुके हैं. पिछले साल अप्रैल में ईरान में भूकंप आया था जिसका असर पाकिस्तान में भी हुआ था. इस दौरान कम से कम 35 लोगों की मौत हो गई थी.

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