- कॉन्वेंट स्कूलों जैसी पढ़ाई प्राइमरी स्कूलों में देने की सरकारी तैयारी अधूरी

- बुक्स में दिए क्यूआर कोड से लेशन नहीं पढ़ा पा रहे टीचर

हॉफ कॉलम- इक्का-दुक्का टीचर्स को ही रास आ रहा हाईटेक सिस्टम

BAREILLY:

बेसिक स्कूलों को कॉन्वेंट सरीखा बनाने के लिए टीचर्स सरकार से 'दीक्षा' नहीं ले पा रहे है। नतीजा यह है कि बच्चों को इनोवेटिव तरीके से पढ़ाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है। जबकि, क्लासेज शुरू हुए कई महीने बीत चुके हैं। कहने के लिए सभी बुक्स के हर लेशन में क्यूआर कोड दिया गया। जिसे टीचर्स दीक्षा एप पर स्कैन कर बोलती तस्वीरों और एक्शन और मोशन के साथ बच्चों को पढ़ा सकते हैं, लेकिन पढ़ाई के हाईटेक तरीके से ज्यादातर टीचर्स की दूरी, तो कुछ व्यवस्थागत खामियां इसमें बाधा बनी हुई हैं।

एक बार में सीख्ा रहे बच्चे

दीक्षा एप से कुछ टीचर्स हाईटेक तरीके से क्लासेज में पढ़ा रहे हैं। इसका फायदा भी नजर आने लगा है। मैथ के परम्परागत फॉर्मूले से जो बच्चे पहाड़ा पढ़कर आंसर देते थे, वहीं आंसर वह पल भर में लंबा जोड़ और पहाड़ा पढ़े कर दे रहे हैं। लखौरा प्राथमिक विद्यालय की टीचर नीता जोशी ने बताया कि एप में बच्चों को पढ़ाने का तरीका एकदम अलग है। अभी तक बच्चे बुक से कविता तो रट लेते थे, लेकिन उसे सुर, लय और ताल में एक्शन के साथ नहीं सुना पाते थे। वीडियो से पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स एक बार में ही लेशन याद कर ले रहे हैं। इसमें सबसे अहम बात यह है कि बच्चों को पढ़ाई बोरिंग नहीं लग रही है।

अफसरों की अनदेखी पड़ रही भारी

शासन ने तो पढ़ाई का बेहतर माध्यम निकाल दिया, लेकिन अफसरों की लापरवाही भी सिस्टम पर भारी पड़ रही है। वैसे तो सभी टीचर्स के पास हाईटेक मोबाइल फोन हैं, जिसके जरिए वह क्यूआर कोड को स्कैन कर आधुनिक तरीके से पढ़ा सकते हैं, लेकिन अधिकारी इसमें आ रही प्रॉब्लम्स को नजरअंदाज किए हुए हैं। टीचर्स की न तो वर्कशॉप कराई और न ही समस्याओं को दूर करने का रास्ता निकाला। दीक्षा एप के जरिए पढ़ाई करा रहे टीचर्स की मानें तो बच्चों को मोबाइल से पढ़ाने में दिक्कत होती है। एक साथ सभी बच्चों को मोबाइल पर दिखाना संभव नहीं होता है। प्रोजेक्टर से यह वीडियो चलते नहीं है। न ही इसके वीडियो डाउनलोड ही होते हैं। ऐसे में रूरल एरिया में नेट की प्रॉब्लम आने पर भी बच्चों को इससे पढ़ाना संभव नहीं हो पा रहा है।

क्या क्या आ रही है प्रॉब्लम

- कुछ प्वाइंटस का डाटा अभी भी अपलोड नहीं हो पाया है।

-प्रोजेक्टर पर नहीं चल पा रही है वीडियो।

- कुछ टीचर्स के पास नहीं है स्मार्ट फोन

- वीडियो डाउनलोड करने का ऑप्शन नहीं है

-रूरल एरिया में नेट वीक होने की भी दिक्कत

नई तकनीक और रुचि के साथ पढ़ाने के लिए इस बार स ाी बच्चों की बुक्स में क्यूआर कोड दिया गया है। क्योंकि बच्चों को वीडियो लैक्चर के माध्यम से पढ़ाई जल्दी समझ में आती है।

राजीव कुमार, प्रभारी, बीएसए

दीक्षा बहुत ही इनोवेटिव एप है। इससे बच्चों को पढ़ाना आसान हो जाता है, लेकिन वीडियो डाउनलोड होने का ऑप्शन न होने से दिक्कतें हो रही हैं, जो एक बड़ी बाधा है।

नीता जोशी, लखौरा

मैंने अभी तक इस एप को ट्राई नहीं किया है। क्योकि हमारे लाइट नहीं होने से प्रोजेक्टर नहीं चल पा रहा है। जल्दी ही इस एप से पढ़ाना शुरू करेंगे

अनीता सक्सेना, दलपतपुर