कानपुर। देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाने वाली भारतीय नौसेना के आधुनिकीकरण की शुरुआत 1612 में हो गई थी। आधिकारिक वेबसाइट ब्रिटानिकाडाॅटकाॅम के अनुसार स्वाली युद्ध 29 नवंबर, 1612 को लड़ा गया था।

एक दिन का स्वाली युद्ध मील का पत्थर साबित हुआ था

स्वाली सूरत शहर के पास एक गांव है। स्वाली का युद्ध पुर्तगाली सेना और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हुआ था। बेशक यह लड़ाई एक दिन की थी और इसमें  ईस्ट इंडिया कंपनी को जीत मिली थी लेकिन मील का पत्थर साबित हुई थी।

एक सेना गठित कर उसे स्वाली में समुद्री सीमा पर तैनात किया गया

इस युद्ध के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने भविष्य के खतरे से निपटने की तैयारी तेज कर दी थी। उसने समुद्री सीमा से आने वाले दुश्मनों से निपटने के लिए इसके बाद एक सेना का गठन कर उसे स्वाली में समुद्री सीमा पर तैनात किया गया था।

जहांगीर ने ईस्ट इंडिया कंपनी को व्यापार की अनुमति दी थी

इस युद्ध के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी को बहुत फायदा हुआ था। 1612 में मुगल शासक जहांगीर ने ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत में व्यापार करने की अनुमति दे दी थी। इसके बाद कंपनी ने तटीय भारत में कई कारखानों की स्थापना की थी।

ब्रितानी साम्राज्य ने भारतीय नौसेना को टेकओवर किया था

वहीं 1857 के विद्रोह के बाद ब्रितानी साम्राज्य ने ईस्ट इंडिया कंपनी को अपने अधीन कर लिया था। इस दौरान नौसेना को भी अपने हाथों में लेकर उसे काफी हाईटेक बनाया था। इसके बाद यही ब्रिटिश नौसेना भारतीय नौसेना बनी।

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