इंटरव्यू लेते समय हुआ खुलासा
एक रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस आरएम लोढा की अध्यक्षता वाली कमेटी ने हाल ही में जगमोहन डालमिया का इंटरव्यू किया। इस इंटरव्यू के बाद कमेटी ने आश्चर्य जताया कि डालमिया की स्थिति ढंग से बात करने तथा सुनने की नहीं है, ऐसे में आखिर बीसीसीआई को कौन चला रहा है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी को आईपीएल मैच फिक्सिंग की जांच के अलावा यह भी जिम्मा सौंपा है कि वह पड़ताल कर यह सुझाव दे कि बीसीसीआई के प्रशासन में कैसे सुधार किया जाए। इसी सिलसिले में कमेटी बीसीसीआई प्रशासन से जुड़े रही शख्सियतों से बातचीत कर रही है। इसी सिलसिले में कमेटी ने मंगलवार को कोलकाता में डालमिया से मुलाकात की थी।

सहयोगी के साथ बैठकर ही दे पाए इंटरव्यू
आपको बताते चलें कि, डालमिया को मार्च में ही निर्विरोध बीसीसीआई का अध्यक्ष चुना गया था। अध्यक्ष बनने के चार महीनों से भी कम समय में डालमिया की ओर से कमेटी से निवेदन किया गया कि डालमिया अपना इंटरव्यू अपने किसी सहयोगी के साथ बैठकर ही दे पाएंगे, क्योंकि उन्हें बीमारी से संबंधित समस्या है। बीसीसीआई अध्यक्ष ने अपने बेटे अभिषेक के साथ कमेटी को इंटरव्यू दिया। इस मीटिंग में कमेटी ने पाया कि डालमिया सही से अपनी बात तक नहीं कह पा रहे थे और न ही उनकी बात समझ पा रहे थे। बीसीसीआई अध्यक्ष के बेटे ही उनकी बात को समझकर कमेटी को बता रहे थे और ऐसे ही कमेटी के सवालों को डालमिया को समझा रहे थे।

BCCI को कौन चला रहा है
कमेटी के सदस्यों का कहना है- अगर इस इस समय बीसीसीआई अध्यक्ष की मानसिक और शारिरिक स्थिति ऐसी है तो क्या जिन लोगों ने उन्हें तीन महीने पहले चुना है, वह इससे वाकिफ नहीं थे। अगर डालमिया की स्थिति ऐसी है तो बीसीसीआई को चला कौन रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने 22 जनवरी को जस्टिस लोढ़ा की अध्यक्षता में अशोक भान और आरवी रविंद्रन की एक तीन सदस्यीय कमिटी बनाई थी जिसे आईपीएल फिक्सिंग केस की जांच का जिम्मा सौंपा गया है।

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