सोशल मीडिया भी बन रहा है पति- पत्नी के रिश्तों में रोड़ा
दंपति के घरेलू विवादों को निपटाने के लिए हुआ है पुलिस परिवार परामर्श केंद्र का गठन
Meerut। जरा-जरा सी बातों को लेकर पति-पत्नी के पवित्र रिश्तों में दरार आ रही है। जिसको लेकर पति-पत्नी एक-दूसरे से तलाक लेने के लिए पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में पहुंच रहे है।
छोटे-छोटे विवाद
पुलिस परिवार परामर्श केंद्र की नोडल अधिकारी रेनू सक्सेना का कहना है कि परिवार में छोटे-छोटे विवाद पति-पत्नी में तलाक का कारण बन रहे हैं। इस तरह के मामलों में दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर समझौता कराने का प्रयास किया जाता है।
टीवी देखने से मना
नोडल अधिकारी रेनू सक्सेना का कहना है सोमवार को सोफीपुर की रहने वाली विवाहिता ने अपने पति नवीन पर आरोप लगाया कि वह उसे टीवी देखने से मना करता है। जब वह विरोध करती है तो उसके साथ मारपीट करता है। वह अब उसके साथ नहीं रहना चाहती है। वह अपने पति से तलाक लेना चाहती है। दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है।
मोबाइल बन रहा विवाद
नोडल अधिकारी रेनू सक्सैना का कहना है कि सबसे ज्यादा विवाद मोबाइल के कारण हो रहे हैं। शास्त्री नगर की रहनी वाली एक युवती ने आरोप गया कि उसका पति उसे मोबाइल पर वाट्सऐप व फेसबुक चलाने से मना करता है। जब वह नहीं माना तो मामला तलाक तक पहुंच गया। दोनों पक्षों को रविवार को काउंसिलिंग में बुलाया है।
700 - आवेदन है पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में
60 से 70 - लोगों की रोज होती है सुनवाई
पुलिस लाइन में एक हफ्ते में तीन दिन शनिवार, मंगल व रविवार को लगता है पुलिस परिवार परामर्श केंद्र
10 - दरोगा समेत 10 पुलिसकर्मियों का है स्टाफ
5 - पति-पत्नी में समझौता कराने के लिए 5 है काउंसलर
8 - साल से चल रहा है पुलिस परिवार परामर्श केंद्र
50-60 - करीब मुकदमें एक महीने में हो जाते हैं दर्ज
पति-पत्नी के छोटे-छोटे मामूली विवाद सामने आ रहे हैं। दोनों पक्षों में समझौता कराने के लिए उन्हें पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में भेज दिया जाता है।
मंजिल सैनी, एसएसपी, मेरठ
शिकायती पत्र आते ही दोनों पक्षों को काउसंलरों के सामने काउंसिलिंग के लिए बुलाया जाता है। दोनों पक्षों की तीन बार काउंसिलिंग कराई जाती है। अगर दोनों में समझौता नहीं होता है तो मुकदमें के लिए रेफर कर दिया जाता है।
रेनू चौहान, नोडल अधिकारी, पुलिस पुलिस परिवार परामर्श केंद्र