- सीएम ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में किया 11 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास

GORAKHPUR: वर्षो से पूर्वाचल को एम्स का इंतजार रहा है। हमारी सरकार लोगों का ये सपना पूरा करने की दिशा में काम कर रही है। आम जनता को बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराना ही हमारी प्राथमिकता है। ये बातें बीआरडी मेडिकल कॉलेज के दौरे पर आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने 74.59 करोड़ रुपए की लागत वालीं 11 परियोजनाओं के लोकार्पण व शिलान्यास के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि 67 साल में प्रदेश को (एम्स) रायबरेली और 13 मेडिकल कॉलेज मिले। हम इस आधे-अधूरे एम्स को पूरा करा रहे हैं और अगस्त के पहले हफ्ते में ओपीडी शुरू करा देंगे। गोरखपुर में एक नया एम्स बनवा रहे हैं। साथ ही 13 नए मेडिकल कॉलेज खुलवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार बेहतर कर रहे हैं लेकिन रूरल एरियाज में डॉक्टर न रहने के कारण विफल हो जा रहे हैं।

'हम समझते हैं समस्याएं'

सीएम ने कहा कि वह चिकित्सा संस्थानों की समस्याओं को समझते हैं जहां शिक्षकों, संसाधनों और स्टाफ की कमी है। उन्होंने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पड़ोसी देश नेपाल और बिहार से भी मरीज आते हैं इसलिए लोड ज्यादा है। यहां के संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं। डॉक्टर्स की भारी कमी चुनौती है इसलिए मेडिकल कॉलेज काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) और केंद्र सरकार को पत्र लिखकर नियमों को शिथिल करवा रहे हैं। सीएम ने कहा कि बस्ती, बहराइच, फैजाबाद, फिरोजाबाद और शाहजहांपुर में मेडिकल कॉलेज बन रहे हैं। देवरिया, सिद्धार्थनगर, मिर्जापुर, फतेहपुर, एटा, हरदोई समेत आठ जिलों में मेडिकल कॉलेज बनने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ। रजनीश दुबे ने आभार ज्ञापन किया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, सांसद कमलेश पासवान, मेयर सीताराम जायसवाल, नगर विधायक डॉ। राधा मोहन दास अग्रवाल, महेंद्र पाल सिंह, संत प्रसाद, संगीता यादव, शीतल पांडेय, फतेहबहादुर सिंह, विपिन सिंह, विमलेश पासवान, उपेंद्र दत्त शुक्ल, डॉ। धर्मेद्र सिंह, अवधेश तिवारी, राहुल श्रीवास्तव, डीजीएमई डॉ। केके गुप्ता, प्रिंसिपल डॉ। गणेश कुमार आदि मौजूद रहे।

प्रदेश को मिलेंगी 750 नई एंबुलेंस

सीएम ने कार्यक्रम में पूर्व की सपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह वोट बैंक फिसलने के डर से केंद्र की योजनाओं को लागू नहीं होने दे रहे थे। इसी कारण लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस प्रदेश में नहीं आ पा रहे थे। भाजपा सरकार बनने के बाद हर जिले में दो-दो एंबुलेंस भेजी गई हैं। 108 की 750 नई एंबुलेंस मंगाई जा रही हैं।

'डॉक्टर्स को बनाएं संवेदनशील'

सीएम ने डॉक्टर्स से अपील की कि वह मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई करने वाले छात्रों को संवेदनशील होने की शिक्षा दें। मरीजों को सस्ती दवाएं लिखें। सीएम ने कहा कि जन औषधि केंद्र से सस्ती दवाएं मिलने का रास्ता साफ हो गया है। डॉक्टर के प्रति मरीज में आस्था का भाव होता है। जब यह आस्था कुंद होती है तो विश्वास खत्म होता है। मरीज के इलाज में भेदभाव न करें। उन्होंने कहा कि डॉक्टर की सबसे बड़ी पहचान उसकी संवेदनशीलता है। डॉक्टर अपने निर्धारित स्थल पर ड्यूटी कर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करें, वहां से भागे नहीं।

एम्स से हो बीआरडी की तुलना

सीएम ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज की प्रतिस्पर्धा एम्स से होने वाली है। अच्छा इलाज और अच्छा व्यवहार कर मरीजों का भरोसा जीतें। उन्होंने कहा कि बीआरडी की नकारात्मक छवि बनाने की बजाए ऐसा कुछ करें कि बीआरडी की तुलना एम्स से हो। नकारात्मक छवि से मरीजों का विश्वास टूटता है।

दोगुनी होंगी एमबीबीएस की सीटें

सीएम ने कहा कि बीआरडी में अगले साल एमबीबीएस की सीटें दोगुनी होंगी। उन्होंने कहा कि 20 साल पहले हमेशा बात उठती थी कि बीआरडी की मान्यता खत्म होने वाली है। कॉलेज के ही कुछ प्रोफेसर्स भी मान बैठे थे कि अब बीआरडी नहीं बचेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इमने लंबी लड़ाई लड़ी। अब बीआरडी में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था की सुविधाएं हैं।

एक माह बाद भी आऊंगा

सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कॉमन रिहैबिलिटेशन सेंटर (सीआरसी) और रीजनल वायरोलॉजी सेंटर (आरवीसी) खुलना है। इसके लिए वह एक माह में फिर यहां आएंगे।

एक साल में बीआरडी को नहीं पहचान पाएंगे

इस दौरान प्राविधि चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने कहा कि सीएम की हर विभाग पर नजर है। उनके निर्देश पर विशेषज्ञों ने मेडिकल कॉलेजों के विकास का रोडमैप तैयार कर लिया है। इसे अमलीजामा पहनाया जा रहा है। तीन महीने के रिकॉर्ड समय में 79 बेड के वार्ड का निर्माण किया गया। पहले मरीज के साथ आने वाले तीमारदारों के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। अब बीआरडी में विश्राम स्थल बन गए हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल की सुविधाएं जल्द ऑनलाइन हो जाएंगी। मरीज घर से ही नंबर लगा सकेंगे। मरीजों का पूरा रिकॉर्ड अस्पताल में मौजूद रहेगा।

डेढ़ घंटे तक की समीक्षा

सीएम ने इंसेफेलाइटिस से बचाव की तैयारियों की समीक्षा की। इसमें गोरखपुर-बस्ती मंडल के स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन, डीजीएमई डॉ। केके गुप्ता भी मौजूद रहे। बाद में पत्रकारों से बातचीत में सीएम ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज और केजीएमयू लखनऊ में 65 हजार से ज्यादा लोगों को इंसेफेलाइटिस से बचाव को लेकर ट्रेंड किया गया है। मरीज सीधे बीआरडी न जाएं इसके लिए पीएचसी, सीएचसी और जिला अस्पताल में सुविधाओं के बारे में जानकारी ली गई।

इन का सीएम ने किया लोकार्पण

- 100 बेड अस्पताल के द्वितीय तल पर 79 बेड के वार्ड का निर्माण

- छह मॉड्यूलर ओटी के उच्चीकरण का कार्य। इनमें सर्जरी की तीन, न्यूरो सर्जरी की एक और स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की दो ओटी शामिल

- वार्ड नंबर 11 नेत्र रोग वार्ड के सुदृढ़ीकरण का कार्य

- गैस्ट्रो इंट्रोलॉजी विभाग के जीर्णोद्धार का कार्य

- कार्डियोलॉजी विभाग में छह प्राइवेट वार्ड के जीर्णोद्धार का कार्य

- 500 किलोवाट सोलर पावर प्लांट की स्थापना का कार्य

इन योजनाओं का किया शिलान्यास

- लेवर कांप्लेक्स भवन का निर्माण

- इलेक्ट्रिकल सुरक्षा का कार्य

- फायर हाईड्रेंट सिस्टम एवं फायर अलार्म सिस्टम की स्थापना का कार्य

- वार्ड नंबर 1, 2, 4, 8 तथा वार्ड नंबर 1 से 10 की बाहरी दीवारों व ट्रॉमा सेंटर के जीर्णोद्धार का कार्य

- 125 बेड युक्त रैन बसेरा का निर्माण

बॉक्स

79 बेड के वार्ड का किया निरीक्षण

सीएम ने 100 नंबर वार्ड के ऊपर बने 79 बेड के नए वार्ड का निरीक्षण किया। यहां से वह 100 नंबर वार्ड के पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीकू) पहुंचे। उन्होंने बेड नंबर 99 पर भर्ती गुलरिया के संजय की बेटी तनुजा का हाल पूछा। 100 नंबर बेड पर भर्ती गुलरिहा के हिमांशु (ढाई वर्ष), 95 नंबर बेड पर भर्ती देवरिया के बरहज की करीना (एक वर्ष) पुत्री रविंद्र को भी देखा।