क्या जानवर भी आध्यात्मिकता को व्यक्त कर सकते हैं?

बिल्कुल जाहिर कर सकते हैं। सबसे पहली और बड़ी बात तो ये है कि पशुओं की भी आत्मा होती है। हालांकि उनकी बुद्धिमता उतनी विकसित नहीं होती, जितनी की इंसानों की होती है। उनकी चेतना में खुद को देखने की क्षमता नहीं होती, लेकिन निश्चित तौर पर उनके पास भी इंसानों की तरह आत्मा होता है, स्प्रिट होती है। यही वजह है कि इंसानों के जन्म को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है।

वह इंसान ही हैं जिनके पास ज्ञान की असीम भंडार है और जिसके साथ हम आत्मज्ञान प्राप्त कर सकते हैं। ईश्वर-प्राप्ति की उस अंतिम अवस्था को प्राप्त करने या आत्मज्ञान के लिए हमारे पास अपने स्वयं के साक्षी होने की क्षमता है। वहीं ये माना जातहै कि ये क्षमता पशुओं के पास नहीं है। हालांकि इस बात का ये मतलब नहीं है कि उनके पास आत्मा नहीं है या वे आध्यात्मिकता या प्रेम के सुंदर स्थान पर नहीं रह सकते।

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कई लोग, जिनके पास पालतु पशु हैं, वे आपको बताएंगे कि वे अपने पालतू जानवरों के साथ आध्यात्मिक स्तर पर जुडऩे में सक्षम हैं। हमारे पास भी पशुओं से जुड़ी ऐसी कई कहानियां हैं, खासतौर पर प्राइमेट या डॉल्फिन जैसे अत्यधिक बुद्धिमान पशुओं और इनकी तरह के कई पशुओं की भी, जो इस तरह का बर्ताव करते नजर आते हैं जैसे वह आध्यात्मिक प्रेम और संबंध को बहुत करीब से महसूस करते हों।

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