- राज्य सरकार ने प्रदेश में एक दिन का राजकीय शोक किया घोषित

- स्वामी सत्यमित्रानंद के पार्थिव देह को वेडनसडे शाम राघव कुटीर में दी जाएगी भू-समाधि

HARIDWAR: भारत माता मंदिर के संस्थापक पद्मभूषण महामंडलेश्वर स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज (87) ट्यूजडे सुबह अपने निवास राघव कुटीर में ब्रह्मलीन हो गए। वह पिछले एक पखवाड़े से गंभीर रूप से बीमार थे और देहरादून के मैक्स अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। पांच दिन पहले उन्हें हरिद्वार लाकर यहां उनकी कुटी को आइसीयू में तब्दील कर दिया गया था। अंतिम समय में स्वामी सत्यमित्रानंद के साथ उनके शिष्य स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज, सहायक आईडी शर्मा शास्त्री व गोविंद गिरि महाराज मौजूद थे। स्वामी सत्यमित्रानंद के महाप्रयाण पर राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि के शिष्य एवं उत्तराधिकारी श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने बताया कि स्वामी सत्यमित्रानंद के पार्थिव देह को वेडनसडे शाम राघव कुटीर में ही भू-समाधि दी जाएगी। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, मानव संसाधन विकास मंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल सांसद अजय भट्ट, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक आदि ने गहरा शोक जताया है। स्वामी सत्यमित्रानंद के निधन से संत समाज में भी शोक छा गया है और देशभर के संत राघव कुटीर पहुंचने लगे हैं।