- नाटी इमली के प्रसिद्ध भरत मिलाप को देखने के लिए उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

- कुंवर अनंत नारायण सिंह ने लीला में उपस्थित होकर किया परंपरा का निर्वाह

VARANASI

भाइयों से मिलन की आतुरता मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान के चेहरे पर स्पष्ट दिख रही थी। कुछ ऐसा ही हाल भइया भरत का भी था। लक्ष्मण और शत्रुघ्न भी साथ ही थे। दूर से ही अनुज भरत और शत्रुघ्न ने भइया राम और लक्ष्मण को देखा और वे शाष्टांग दंडवत हो गये। इधर भाई को इस तरह से दंडवत देखकर भगवान खुद को रोक नहीं सके और दौड़ पड़े। फिर उपस्थित हुआ अनंत भातृ प्रेम का विहंगम दृश्य। घड़ी की सूइयां 4.40 बजने का इशारा कर रही थीं। भगवान श्रीराम ने बारी-बारी से भरत और शत्रुघ्न को गले से लगाया और भातृ विरह की वेदना चारों भाइयों की आंखों से आंसुओं के रूप में बह निकली। सैकड़ों साल पहले गोस्वामी तुलसीदास की लिखी चौपाई 'परे भूमि नहिं उठत उठाए, बर करि कृपासिंधु उर लाए। स्यामल गात रोम भए ठाढ़े, नव राजीव नयन जल बाढ़े.' चरितार्थ हो उठी। शनिवार को नाटी इमली के मैदान में चारों भाइयों के इस अनुपम मिलन के साक्षी बने हजारों श्रद्धालु। हर कोई इस क्षण को अपने आंखों में संजों लेने की कोशिश में था।

जीवंत हुइर् परंपरा

जैसे ही चारों भाइयों का मिलन हुआ हर हर महादेव के गगनभेदी उद्घोष से धरती-आकाश गुंजित हो उठा। चारों तरफ से पुष्प वर्षा होने लगी। मिलन के बाद चारों भाइयों ने हर दिशा में उपस्थित भक्तों को दर्शन दिया। उसके बाद भगवान की आरती उतारी गयी। इसके पूर्व यादवबंधु भगवान के पालकी रूपी पुष्पक विमान को कंधों पर लेकर लीला स्थल पहुंचे। परंपरा का निर्वाह करते हुए कुंवर अनंत नारायण सिंह इस अनुपम मिलन को देखने रामलीला मैदान पहुंचे। हाथी पर सवार कुंवर का स्वागत भी काशी की जनता ने हर हर महादेव के उद्घोष के साथ किया। उन्होंने हाथी पर सवार होकर ही भगवान की परिक्रमा की और गिन्नी भेंट कर परंपरा का निवार्1ह किया।

पांच मिनट का खेला

कुछ मिनट की इस लीला को देखने के लिए रामलीला मैदान में लाखों की भीड़ जमा थी। नाटी इमली मैदान के आसपास के मकानों की छतों और बरामदों पर लीला प्रेमी भरे पड़े थे।

एडमिनिस्ट्रेशन ने भरत मिलाप को सकुशल संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये थे.एडमिनिस्ट्रेटिवऑफिसर्स और पुलिस की मौजूदगी से पूरा इलाका छावनी में तब्दील नजर आया। इस अवसर पर आईजी जोन विजय सिंह मीणा, एसएसपी आनंद कुलकर्णी, एसपी सिटी दिनेश सिंह, पूर्व विधायक अजय राय, प्रमुख उद्यमी सुबोध अग्रवाल, काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत आचार्य देवी प्रसाद द्विवेदी सहित शहर के गणमान्य मौजूद थे।