-भाई-बहन के प्यार के त्योहार भाई दूज की शहर में रही धूम

-बहनों ने गोधन कूट कर किया पर्व की परंपरा का निर्वाह

1ड्डह्मड्डठ्ठड्डह्यद्ब@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ

भाई और बहन के प्यार के त्योहार भाई-दूज की धूम शुक्रवार को पूरे शहर में रही। भइया की लंबी उम्र के लिए बहनों ने भाइयों को टीका लगाया और मिठाई खिलाकर भगवान से लंबी उम्र का आशीर्वाद मांगा। पर्व की परंपरा के अनुसार सुबह से ही बहनें भाइयों के दीर्घायु के लिए गोधना कूटने में व्यस्त रहीं। बहनें भाइयों के घर गई तो भाइयों ने भी उनके घर जाकर टीका लगवाया। पूरे दिन भाइयों के बहनों के घर और बहनों का भाइयों के घर आने जाने का सिलसिला जारी रहा। इस दिन भाइयों को उनकी लंबी उम्र के लिए गाली देने की मान्यता है। बहनों ने भाइयों को गाली देकर परंपरा का निर्वाह किया।

मृत्यु का नहीं रहता डर

मान्यता है कि भाई दूज के दिन ही यम अपनी बहन यमुना के घर जाते हैं और यमुना उन्हें अपने हाथों से बना कर खाना खिलाती हैं। प्रसन्न होकर यम सभी बहनों को आशीर्वाद देते हैं कि आज के दिन जो भी भाई अपनी बहन के यहां का अन्न ग्रहण करेगा उसे मृत्यु का डर नहीं सतायेगा। तब से भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों को मिठाई खिलाती हैं। इस दिन यमुना नदी में भाई-बहन के साथ स्नान करने की भी मान्यता है। महिलाओं ने पर्व की मान्यताओं का पूरी तरह से निर्वाह किया।

खूब बिकी मिठाई

मिठाइयों की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ दिखी। वहीं भइया को मिठाई खिलाने जाने के लिए उन्हें सवारी की तलाश ने परेशान भी किया। सड़क पर सवारी वाहनों की संख्या बहुत कम दिखी। जो दिखे उन्होंने मनमानी वसूली की। हालांकि स्कूटी के बढ़ते चलन ने महिलाओं की परेशानी को खासा कम कर दिया। शहर में लगभग बंदी का ही माहौल रहा। दुकानदार अपनी दुकानों को जल्द बढ़ाकर घर को निकल गये।

अन्नकूट की सजी झांकी

इसके पूर्व गुरुवार को अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। शहर के तमाम मंदिरों में भगवान को 56 प्रकार के नैवेद्य का भोग लगाया गया। श्री काशी विश्वनाथ, अन्नपूर्णा मंदिर, मृत्युंजय महादेव, बड़ा गणेश, केदारेश्वर, चौखंभा स्थित गोपाल मंदिर, मच्छोदरी स्थित श्री स्वामी नारायण मंदिर सहित शहर के विभिन्न देवालयों में भगवान को चढ़ाये गये भोगों की झांकियां सजाई गई। दोपहर बाद प्रसाद वितरण शुरू हुआ जिसे प्राप्त करने के लिए भक्तों में खासा उत्साह देखने को मिला।