- बीएचयू के 100वें दीक्षांत समारोह में सेशन टॉपर्स को दिये गये गोल्ड मेडल

- प्रख्यात वैज्ञानिक प्रो रघुनाथ अनंत मशेलकर ने दिया दीक्षांत भाषण

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सफलता की रंगत दुनिया के किसी रंग से अधिक गाढ़ी होती है। यह जिसके सिर सजती है तो उसका चेहरा एकदम से चमकने लगता है। गुरुवार को बीएचयू का स्वतंत्रता भवन ऐसे ही दर्जनों दमकते चेहरों से आबाद दिखा। मौका था बीएचयू के 100वें कन्वोकेशन का। ईमानदार मेहनत का परिणाम स्टूडेंट्स के हाथों में था। मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा लिये सब खुशी से लबरेज दिखे। कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट प्रख्यात वैज्ञानिक एवं नेशनल रिसर्च प्रोफेसर डॉ रघुनाथ अनन्त मशेलकर ने स्टूडेंट्स को आशीर्वचन दिया।

दो सेशन के टॉपर्स का सम्मान

इस बार के दीक्षांत समारोह में सेशन 2017 व 2018 के स्टूडेंट्स का उनकी मेहनत का परिणाम दिया गया। वर्ष 2017 के दौरान श्रेष्ठ अंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को 31 पदक प्रदान किये गये। इसी प्रकार वर्ष 2018 के दौरान विभिन्न संकायाें के कुल 26 छात्र-छात्राओं को दीक्षान्त समारोह के मंच पर पदकाें से सम्मानित किया गया। इनमें एसवीडीवी फैकल्टी के ज्ञानेश उपाध्याय को पीजी परीक्षा 2017 में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए चांसलर्स मेडल, महाराजा विभूति नारायण सिंह गोल्ड मेडल एवं बीएचयू पदक प्रदान किया गया। इसी संकाय के हरि नारायण पाठक को यूजी कोर्स में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर चांसलर मेडल, गोल्ड मेडल तथा बीएचयू मेडल दिया गया। वर्ष 2018 में एसवीडीवी फैकल्टी के छात्र प्रांजल मिश्रा को पीजी कोर्स में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर चांसलर, महाराजा विभूति नारायण सिंह गोल्ड मेडल और बीएचयू मेडल प्रदान किया गया। संगीत एवं मंच कला संकाय के छात्र प्रशांत मिश्रा को भी यूजी कोर्स में सर्वाधिक अंक पाने पर उक्त तीनों पदकों से नवाजा गया।

निकला कल्चरल प्रोसेशन

समारोह के परंपरा अनुसार कन्वोकेशन प्रोसेशन निकला। देश राग की धुन पर निकले प्रोसेशन में फैकल्टी डीन और डायरेक्टर्स के साथ चीफ गेस्ट डॉ रघुनाथ अनन्त मशेलकर, प्रख्यात संगीतज्ञ पं। राजन-साजन मिश्रा व बीएचयू एकेडमिक काउंसिल के मेंबर्स शामिल हुए। बीएचयू के संस्थापक भारत रत्‍‌न महामना पण्डित मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण से कार्यक्रम का आगाज हुआ। वीसी प्रो राकेश भटनागर ने 100वें दीक्षान्त समारोह के शुरु होने की औपचारिक घोषणा की। बीएचयू स्टूडेंट्स ने कुलगीत गाकर परंपरा का निर्वाह किया। धन्यवाद ज्ञापन रजिस्ट्रार डॉ नीरज त्रिपाठी ने किया।

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पं राजन-साजन को डी.लिट।

दीक्षांत समारोह का मुख्य आकर्षण भारतीय शास्त्रीय संगीत प्रख्यात विद्वान द्वय पं.राजन -साजन मिश्रा को डी.लिट। (डॉक्टर ऑफ लिटरेचर) (आनरिस काजा) की मानद उपाधि प्रदान करना रहा। इसके साथ ही भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो के विजयराघवन को उनकी अनुपस्थिति में (इन एबसेंशिया) डी.एससी। (डॉक्टर ऑफ साइंस) (आनरिस काजा) की मानद उपाधि प्रदान की गई.

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दीक्षांत नहीं है शिक्षांत

दीक्षांत संबोधन में प्रो। अनंत रघुनाथ माशेलकर ने कहा कि यह दीक्षांत आपका शिक्षांत नहीं है। यह तो शुरुआत है और मैं आपसे कुछ नया नहीं कह रहा हूं। हमारे बीएचयू के महान संस्थापक पं मदन मोहन मालवीय जी ने 1929 में बीएचयू के 12वें दीक्षांत भाषण में कहा था कि सत्य बोलो, सत्य सोचो। अपनी पढ़ाई को जीवनपर्यत जारी रखो। न्यायप्रिय बनो और किसी से मत डरो। प्रो माशेलकर ने कहा कि दुनिया में न्यूटन्स के सेकेंड लॉ ऑफ मोशन के समीकरण और आइंस्टीन के उर्जा समीकरण से भी एक बड़ा सार्वभौमिक समीकरण है। और वो है ई बराबर एफ। ई मतलब एजुकेशन और एफ बराबर फ्यूचर। आप एजुकेशन की बदौलत अपना फ्यूचर बना सकते हैं।

बीएचयू का है गौरवाशाली इतिहास

वीसी प्रो राकेश भटनागर ने कहा कि बीएचयू का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। पिछले एक वर्षो में बीएचयू ने उपलब्धियां हासिल की है वह काबिले तारीफ है। इनमें प्रमुख रूप से आईएमएस को एम्स जैसी सुविधाओं से लैस किया जाना शामिल है। राजीव गांधी साउथ कैंपस में पशु चिकित्सा व पशु विज्ञान संकाय इसी उपलब्धि की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इसके अलावा बीएचयू के मेन कैंपस में बन रहा सेंट्रल डिस्कवरी सेंटर भी इन्हीं प्रयासों का एक हिस्सा है। आने वाले दिनों में हम बीएचयू को विश्व के बेहतरीन एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस में शामिल करा पाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।