- हैलट में भर्ती 15 पेशेंट्स की डेंगू जांच पॉजिटिव आई

- प्रशासन के दावे को करारा झटका, जिले में डेंगू के प्रकोप का सबसे बड़ा मामला

- नए मरीज आए सामने, उर्सला से 29 सैंपल डेंगू की जांच के लिए जीएसवीएम भेजे गए

- बौहार गांव और उसके आसपास के इलाकों में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन ने डेरा डाला

KANPUR: जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग जिस चीज को छिपा रहा था। सोमवार को उसका खुलासा हो गया। घाटमपुर के बौहार गांव में फैला विचित्र बुखार डेंगू ही है। सोमवार को मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विभाग में भर्ती उस गांव के 12 पेशेंट्स समेत कुल 15 पेशेंट्स की माइक्रोबायोलॉजी जांच में डेंगू की पुष्टि हुई है। वहीं पेशेंट की संख्या कम बताने की सरकारी कोशिशें अभी भी जारी हैं। वहीं एक तथ्य यह भी है कि बौहार और उसके आसपास के गांवों के सैकड़ों लोगों का प्राइवेट नर्सिग होम और सीएचसी, पीएचसी में इलाज चल रहा है।

15 मरीजों में डेंगू की पुष्टि

सोमवार को मेडिकल कॉलेज के बालरोग और हैलट अस्पताल में भर्ती 15 पेशेंट्स की डेंगू की रिपोर्ट आई। इसमें से बालरोग अस्पताल में भर्ती बौहार के 9 बच्चों में डेंगू की पुष्टि हुई। वहीं हैलट के मेडिसिन वार्ड-15 में भर्ती उसी गांव के 3 पेशेंट्स को भी डेंगू पॉजिटिव आया है। वहीं डॉ। विशाल गुप्ता की यूनिट में भर्ती 3 और पेशेंट्स में भी एलाइजा पॉजिटिव आया है। माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट के डॉ। अतुल गर्ग ने बताया कि कुल 15 सैंपल उनके पास आए थे। सभी की जांच में डेंगू पॉजिटिव आया है। इसमें से 12 पेशेंट्स बौहर गांव के हैं।

डेंगू की जांच के लिए 29 सैंपल और भेजे

सोमवार को उर्सला और कांशीराम अस्पताल में भर्ती बौहार गांव के 29 पेशेंट्स के ब्लड सैंपल डेंगू की जांच के लिए मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में भेजे गए हैं। इसमें से 11 सैंपल उर्सला से और 18 सैंपल कांशीराम अस्पताल से जांच के लिए भेजे गए हैं। इनकी जांच रिपोर्ट मंगलवार को आने की उम्मीद हैं। इसके अलावा बौहार गांव में भी सोमवार को 12 पेशेंट्स का चेकअप के बाद ब्लड सैंपल लेकर स्लाइडें बनाई गई हैं।

बौहार गांव के पानी की भी जांच

मेडिकल कॉलेज में बौहार गांव के 12 पेशेंट्स में डेंगू की पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया। डीएम डॉ। रौशन जैकब ने कांशीराम, उर्सला और बालरोग अस्पताल गईं और मरीजों का हालचाल व उपचार की व्यवस्था को देखा। उनके साथ सीएमओ डॉ। आरपी यादव भी मौजूद थे। इस दौरान डीएम ने बालरोग के एनआईसीयू में भर्ती 2 बच्चों के इलाज पर विशेष ध्यान देने के लिए भी कहा। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सोमवार को भी बौहार गांव में जमी रही। गांव में लगे हैंडपंपों के पानी के सैंपल भी जांच के लिए भेजे गए हैं।

डेंगू से नहीं हुई किसी की मौत

वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार को एक और स्पष्टीकरण सामने आया। इसमें विचित्र बुखार और डेंगू से एक भी मौत नहीं होने का दावा किया गया। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 4 पेशेंट्स की मौत की वजह कार्डिएक अरेस्ट और सेप्टीसीमिया बताई गई है। हालांकि जिन शिवबाबू की मौत शुक्रवार को हुई थी और जिनकी दो बेटियो नैन्सी और कॉजल को सोमवार को डेंगू की पुष्टि हुई है। उसके बारे में स्वास्थ्य विभाग सिर्फ यही तर्क दे रहा है उसकी डेंगू की जांच नहीं हुई थी। इसलिए उसकी मौत डेंगू से नहीं हुई। हालाकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं किया गया कि उसने उर्सला में बौहार गांव के भर्ती पेशेंट्स की संख्या सिर्फ 13 कैसे हैं। जबकि उस गांव के 22 पेशेंट्स का सिर्फ उर्सला में ही इलाज चल रहा है।

प्राइवेट अस्पतालों में सैकड़ों

एक ओर जहां जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का पूरा ध्यान अभी बौहार गांव और तीन सरकारी अस्पतालों पर ही है। वहीं सैकड़ों पेशेंट्स का प्राइवेट अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इसमें से ज्यादातर पेशेंट्स बौहार और उसके आसपास के गांवों के हैं। इसका अभी तक स्वास्थ्य विभाग के पास कोई आकंड़ा नहीं है।