-राज्यांश बढ़ाने पर उठाया सवाल

PATNA : जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने नीति आयोग के फैसले के आधार पर केंद्रीय वित्त सचिव द्वारा बिहार राज्य की क्7 योजनाओं में सहयोग राशि घटाने संबंधी पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कहा कि इसके द्वारा केन्द्र सरकार का बिहार सरकार के प्रति सौतेलापूर्ण व्यवहार जग जाहिर हुआ है।

कहा कि प्रधानमंत्री ने एक ओर एक सौ पचीस लाख करोड़ का विशेष पैकेज देने की चुनावी घोषणा की, वहीं चुनाव समाप्त होते ही अपनी हवा-हवाई घोषणा को मूर्त रूप देते हुए बिहार सरकार पर केन्द्र प्रायोजित योजनाओं में राज्य सरकार की सहयोग राशि बढ़ाने का फरमान सुनाया गया है।

श्याम रजक ने कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री स्वच्छता का नारा देते हैं वहीं दूसरी ओर इस योजना को कार्यान्वित करने के लिए शौचालय योजना में राज्यांश बढ़ाने का एकतरफा निर्णय दिया जाता है। केन्द्र सरकार द्वारा एक ओर स्वच्छता टैक्स लगाई जाती है वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार को इस योजना हेतु अतिरिक्त राशि व्यय करने हेतु कहा जा रहा है जिसके लिए राज्य सरकार सक्षम नही है। राज्य सरकार पर शौचालय पर इतनी बड़ी राशि थोपने का केन्द्र सरकार का निर्णय राज्य के स्वच्छता अभियान पर रोक लगाने जैसा है तथा यह केन्द्र सरकार का बिहार के प्रति गलत नजरिए का सूचक है।

कहा कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, राष्ट्रीय पशुधन विकास योजना, स्वच्छ भारत अभियान (शहरी और ग्रामीण), राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना, नेशनल हेल्थ मिशन, नेशनल एजुकेशन मिशन, इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलेपमेंट सर्विसेज, इंटीगे्रटेड चाइल्ड प्रोटेक्शन स्कीम, मिड-डे-मील प्रोग्राम, हाउसिंग फार ऑल (ग्रामीण व शहरी), नेशनल लाइवलीहुड मिशन (ग्रामीण व शहरी), वन एवं वन्यजीव (ग्रीन इंडिया मिशन, प्रोजेक्ट टाइगर और इंटीग्रेटेड डेवलेपमेंट आफ वाइल्ड लाइफ हेबीटेटृस), नेशनल रिच्यूवेंशन और स्मार्ट सिटी मिशन, मॉडर्नाइजेशन ऑफ पुलिस कोर्स तथा इंफ्रास्ट्रक्चर फेसिलिटिज फार ज्यूडिशरी जैसी महत्वपूर्णं योजनाओं में राज्यांश बढ़ाने का आदेश बिहार सरकार की गरीबी पर नमक छिड़कने जैसा है।

श्याम रजक ने कहा कि राज्य के पिछड़ेपन को देखते हुए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाय तथा विशेष राज्य के तर्ज पर केन्द्र प्रायोजित योजनाओं पर 90 प्रतिशत केन्द्रांश और क्0 प्रतिशत राज्यांश की व्यवस्था करें।