खंगाले जाएंगे खाते,  डिटेल्स

टॉपर्स घोटाला के पीछे कितने रुपयों का लेनदेन किया गया है? ये सच्चाई अभी सामने नहीं आ सकी है। लेकिन इस बात का पता लगाने में एसआईटी जुट गई है। लालकेश्वर, बच्चा राय से लेकर जांच की जद में आए सारे लोगों के बैंक अकाउंटस खंगाले जाएंगे। रुपयों के हर ट्रांजेक्शन की जांच की जाएगी। इसके साथ ही सभी के मोबाइल नंबर्स के कॉल डिटेल्स भी खंगाले जा रहे हैं। कब, किसने और किससे बात की, इसका पता लगाया जा रहा है. 

डीएम से पूछताछ संभव
पुलिस सोर्स की मानें तो एसआईटी की जांच के दायरे में वैशाली के डीएम और जिला शिक्षा पदाधिकारी भी आ गए हैं। संभव है कि एसआईटी जल्द ही दोनों से पूछताछ कर सकती है। खासकर इस मामले में वैशाली के जिला शिक्षा पदाधिकारी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। दरअसल, सवाल ये खड़े किए जा रहे हैं कि कॉपियों की जांच होने से पहले एक स्पेशल कोड डीएम को मिलता है। उस कोड के जरिए ये पता चलता है कि कॉपियां कहां चेक होंगी और उसे कौन से टीचर चेक करेंगे.

जद में आएंगे कई लोग
अब तक की जांच और मिले सबूतों के आधार पर एसआईटी ने 5 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। लालकेश्वर और बच्चा राय की गिरफ्तारी भी तय है। सवाल रहा एफआईआर में शामिल चारों टॉपर्स का। एफएसएल की जांच रिपोर्ट के आधार पर टॉपर्स के खिलाफ एसआईटी कार्रवाई करेगी.इसलिए माना जा रहा है कि जद में अभी और लोग आएंगे.

स्टूडेंट्स हित सर्वोपरि: आनंद किशोर
 गुरुवार को वरिष्ठ आईएएस आनंद किशोर ने बिहार बोर्ड का अध्यक्ष एवं अनूप कुमार सिन्हा ने सचिव का पद संभाल लिया। आनंद किशोर ने कहा कि घोटाले से जुड़े पूरे घटनाक्रम की समीक्षा होगी। आगे ऐसा कोई विवाद न हो इसके लिए व्यवस्था दुरूस्त की जाएगी। कहा कि बोर्ड के कर्मचारी जिम्मेदारी से काम करें,  इसके लिए कड़ी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि छात्रों एवं पेरेंट्स का हित सर्वोपरि है और इसकी रक्षा की जाएगी. 

बोर्ड कर्मियों पर रहेगी नजर 
घोटाले के बाद से बोर्ड कर्मचारियों एवं उनके क्रियाकलाप पर पैनी नजर होगी। अध्यक्ष ने कहा कि बोर्ड के कर्मचारियों को जिम्मेवारी से अपनी ड्यूटी का निर्वाह करना होगा। बोर्ड ऑफिस के दोनों संकाय (माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक) में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा, बोर्ड कर्मचारी समय पर ऑफिस आएं इसे बायो-मीट्रिक मशीन से सुनिश्चित की जाएगी. 

नहीं लगाना होगा चक्कर 
नए अध्यक्ष ने छात्र हित के लिए एक बड़ी राहत देने की बात की। आम तौर पर नौकरी के लिए डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन के लिए बोर्ड ऑफिस का चक्कर लगाना पड़ता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कहा कि मेरा प्रयास होगा कि छात्रों को इसके लिए बोर्ड नहीं आना होगा, अब डॅाक्यूमेंट की ऑनलाइन वेरीफिकेशन की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि छात्र हित के लिए बोर्ड हमेशा तैयार रहेगा और अनावश्यक रूप से कागजी काम कम हो इसकी व्यवस्था की जाएगी. 

बोर्ड ऑफिस होगा स्टूडेंट्स- फ्रेंडली
अनूप सिन्हा ने कहा कि बोर्ड ऑफिस को स्टूडेंट्स- फ्रेंडली बनाया जाएगा। इसके लिए स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स की हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने दो टूक कहा कि अब माफियागिरी नहीं चलने दी जाएगी। इसके तहत बोर्ड से मान्यता प्राप्त प्राइवेट कॉलेजों को अनुचित लाभ न मिले, इसकी जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। आगे कहा कि बोर्ड की छवि घोटाले से धूमिल हुई है, जल्द ही इससे बोर्ड इससे उबर जाएगा. 

टॉपर्स घोटाला के पीछे कितने रुपयों का लेनदेन किया गया है? ये सच्चाई अभी सामने नहीं आ सकी है। लेकिन इस बात का पता लगाने में एसआईटी जुट गई है। लालकेश्वर, बच्चा राय से लेकर जांच की जद में आए सारे लोगों के बैंक अकाउंटस खंगाले जाएंगे। रुपयों के हर ट्रांजेक्शन की जांच की जाएगी। इसके साथ ही सभी के मोबाइल नंबर्स के कॉल डिटेल्स भी खंगाले जा रहे हैं। कब, किसने और किससे बात की, इसका पता लगाया जा रहा है. 

 

डीएम से पूछताछ संभव

पुलिस सोर्स की मानें तो एसआईटी की जांच के दायरे में वैशाली के डीएम और जिला शिक्षा पदाधिकारी भी आ गए हैं। संभव है कि एसआईटी जल्द ही दोनों से पूछताछ कर सकती है। खासकर इस मामले में वैशाली के जिला शिक्षा पदाधिकारी की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। दरअसल, सवाल ये खड़े किए जा रहे हैं कि कॉपियों की जांच होने से पहले एक स्पेशल कोड डीएम को मिलता है। उस कोड के जरिए ये पता चलता है कि कॉपियां कहां चेक होंगी और उसे कौन से टीचर चेक करेंगे।

 

जद में आएंगे कई लोग

अब तक की जांच और मिले सबूतों के आधार पर एसआईटी ने 5 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। लालकेश्वर और बच्चा राय की गिरफ्तारी भी तय है। सवाल रहा एफआईआर में शामिल चारों टॉपर्स का। एफएसएल की जांच रिपोर्ट के आधार पर टॉपर्स के खिलाफ एसआईटी कार्रवाई करेगी.इसलिए माना जा रहा है कि जद में अभी और लोग आएंगे।

 

स्टूडेंट्स हित सर्वोपरि: आनंद किशोर

 गुरुवार को वरिष्ठ आईएएस आनंद किशोर ने बिहार बोर्ड का अध्यक्ष एवं अनूप कुमार सिन्हा ने सचिव का पद संभाल लिया। आनंद किशोर ने कहा कि घोटाले से जुड़े पूरे घटनाक्रम की समीक्षा होगी। आगे ऐसा कोई विवाद न हो इसके लिए व्यवस्था दुरूस्त की जाएगी। कहा कि बोर्ड के कर्मचारी जिम्मेदारी से काम करें,  इसके लिए कड़ी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि छात्रों एवं पेरेंट्स का हित सर्वोपरि है और इसकी रक्षा की जाएगी. 

 

बोर्ड कर्मियों पर रहेगी नजर 

घोटाले के बाद से बोर्ड कर्मचारियों एवं उनके क्रियाकलाप पर पैनी नजर होगी। अध्यक्ष ने कहा कि बोर्ड के कर्मचारियों को जिम्मेवारी से अपनी ड्यूटी का निर्वाह करना होगा। बोर्ड ऑफिस के दोनों संकाय (माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक) में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इसके अलावा, बोर्ड कर्मचारी समय पर ऑफिस आएं इसे बायो-मीट्रिक मशीन से सुनिश्चित की जाएगी. 

 

नहीं लगाना होगा चक्कर 

नए अध्यक्ष ने छात्र हित के लिए एक बड़ी राहत देने की बात की। आम तौर पर नौकरी के लिए डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन के लिए बोर्ड ऑफिस का चक्कर लगाना पड़ता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। कहा कि मेरा प्रयास होगा कि छात्रों को इसके लिए बोर्ड नहीं आना होगा, अब डॅाक्यूमेंट की ऑनलाइन वेरीफिकेशन की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि छात्र हित के लिए बोर्ड हमेशा तैयार रहेगा और अनावश्यक रूप से कागजी काम कम हो इसकी व्यवस्था की जाएगी. 

 

बोर्ड ऑफिस होगा स्टूडेंट्स- फ्रेंडली

अनूप सिन्हा ने कहा कि बोर्ड ऑफिस को स्टूडेंट्स- फ्रेंडली बनाया जाएगा। इसके लिए स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स की हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने दो टूक कहा कि अब माफियागिरी नहीं चलने दी जाएगी। इसके तहत बोर्ड से मान्यता प्राप्त प्राइवेट कॉलेजों को अनुचित लाभ न मिले, इसकी जिम्मेदारी भी तय की जाएगी। आगे कहा कि बोर्ड की छवि घोटाले से धूमिल हुई है, जल्द ही इससे बोर्ड इससे उबर जाएगा.