-बिहार में पर्यटन की संभावनाओं को लेकर उच्चस्तरीय बैठक में

राज्यपाल ने दिए कई सुझाव

क्कन्ञ्जहृन्: भारत के स्वर्णयुग का इतिहास वस्तुत: बिहार का ही इतिहास है। बिहार अपनी ऐतिहासिक धरोहरों और पुरातात्विक महत्व के स्थलों को विकसित कर अपनी पर्यटकीय संभावनाओं को आगे बढ़ा सकता है। पर्यटन के जरिए राज्य को आर्थिक समृद्धि प्राप्त होगी। यह बातें राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने कही। राज्यपाल शनिवार को राज्य की एतिहासिक धरोहरों और पुरातात्विक स्थलों के संरक्षण एवं विकास को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्ष कर रहे थे।

प्रथम गणतंत्र का गौरव

बैठक में संस्कृति मंत्रालय के सचिव राघवेंद्र सिंह, राज्य के विकास आयुक्त शशिशेखर शर्मा, भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण की महानिदेशक उषा शर्मा, राज्यपाल के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह, पर्यटन मंत्रालय के महानिदेशक, सिविल विमानन मंत्रालय के संयुक्त सचिव समेत कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल थे। राज्यपाल ने कहा कि वैशाली को विश्व में प्रथम गणतंत्र होने का गौरव प्राप्त है। वैशाली का अशोक स्तंभ वास्तुकला की अद्भुत मिसाल है। राज्यपाल ने विक्रमशिला विश्वविद्यालय को लेकर कहा कि तिब्बती पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केंद्र हो सकता है। भागलपुर एयरपोर्ट को विकसित करने का सुझाव दिया।