डॉ. हर्षवर्धन को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के फ़ैसले की घोषणा करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने कहा कि पार्टी ने यह फैसला सर्वसम्मति से किया है और इसमें दिल्ली भाजपा अध्यक्ष विजय गोयल की सहमति शामिल है.

दिल्ली में चार दिसंबर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा.

इससे पहले, मीडिया में खबर आ रही थी कि विजय गोयल, हर्षवर्धन की उम्मीदवारी को लेकर नाराज़ चल रहे हैं. डॉ. हर्षवर्धन के नाम की घोषणा के बाद संवाददाताओं से विजय गोयल ने कहा, "मैं ना नाराज़ था और ना ही नाराज़ हूँ"

लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि, "भाजपा की विजय यात्रा का आरंभ दिल्ली से हुआ था. पहली लोकसभा की सीट हमने दिल्ली में नई दिल्ली की सीट जीती थी."

कठिन चुनौती

"भाजपा की विजय यात्रा का आरंभ दिल्ली से हुआ था. पहली लोकसभा की सीट हमने दिल्ली में नई दिल्ली की सीट जीती थी"

-लाल कृष्ण आडवाणी, वरिष्ठ भाजपा नेता

आडवाणी ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों से लेकर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा की ही जीत होगी.

उन्होंने कहा कि पार्टी ने जो फैसला किया है, इसके कल्याणकारी परिणाम देखने को मिलेंगे.

डॉ हर्षवर्धन पेशे से नाक कान गला विशेषज्ञ हैं और वो आम कार्यकर्ताओं के बीच लोकप्रिय है. इस घोषणा के साथ ही उन्हें अब शीला दीक्षित की अगुवाई वाली कांग्रेस के साथ ही आम आदमी पार्टी के रूप में अरविंद केजरीवाल से मिल रही चुनौतियों का सामना भी करना पड़ेगा.

प्याज सहित दूसरी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में भारी तेज के कारण विधानसभा चुनावों में महंगाई एक प्रमुख मुद्दा होगा.

उल्लेखनीय है कि भाजपा ने करीब 15 साल पहले प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर कांग्रेस के हाथों दिल्ली की सत्ता गवां दी थी.

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