- कैराना पर कब्जा बरकरार रखने को भाजपा संगठन ने झोंकी ताकत

- महेंद्र पांडे, सुनील बंसल के अलावा सीएम और डिप्टी सीएम भी डटे

- बागपत में होने वाली पीएम की रैली में भी होगा नेताओं का जमावड़ा

LUCKNOW :

गोरखपुर और फूलपुर उपचुनाव में मिली हार से सबक लेते हुए भारतीय जनता पार्टी ने कैराना लोकसभा उपचुनाव फतह करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे की अगुवाई में प्रदेश महामंत्री संगठन (संगठन) सुनील बंसल पिछले एक माह से कैराना में डेरा डाले हैं और बूथ स्तर पर पार्टी संगठन के कील-कांटे दुरुस्त कर चुनाव की हवा पार्टी के पक्ष में करने में जुटे हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या की जनसभाओं में भीड़ जुटाने को कोई खास मशक्कत नहीं करनी पड़ी। कहना गलत न होगा कि यह उपचुनाव भाजपा के लिए आगामी लोकसभा चुनाव का होमवर्क साबित हो रहा है। एक ओर जहां विपक्ष आपसी मतभेद भुलाकर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी में है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा कैराना के हरेक वोटर तक पहुंच बनाने की कवायद में जुटी है।

मोदी की जनसभा में दिखेगा असर

कैराना उपचुनाव की तैयारियों में जुटे पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को आगामी 26 मई को बागपत में होनी वाली पीएम मोदी की जनसभा ने जोश से भर दिया है। यही वजह है कि मोदी की जनसभा को लेकर विपक्षी खेमे में खलबली मच गयी है और इसे निरस्त कराने के लिए चुनाव आयोग से गुहार लगाई जा रही है। मोदी के आने से दो दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शामली में विशाल जनसभा में सुशासन और हिंदुत्व के एजेंडे को धार देकर विरोधी दलों के प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ा दी है। दरअसल 'ओवर कांफिडेंस' की वजह से गोरखपुर और फूलपुर में शिकस्त मिलने के बाद भाजपा ने हर उपचुनाव को अपने पाले में करने की रणनीति बनाई और इसका जिम्मा प्रदेश संगठन के 'चाणक्य' माने जाने वाले सुनील बंसल को दी गयी। बंसल ने पिछले एक महीने में ताबड़तोड़ बैठकों के जरिए पश्चिमी उप्र में पार्टी संगठन को एक नई धार देने का काम किया है। वहीं पहली बार किसी उपचुनाव में पार्टी संगठन और सरकार का इतना बेहतर सामंजस्य देखने को मिल रहा है।

साख का सवाल बना कैराना

दरअसल कैराना उपचुनाव भाजपा की साख का सवाल भी बन चुका है। हुकुम सिंह की इस सीट को भाजपा हर हाल में उनकी पुत्री मृगांका सिंह के हवाले करना चाहती है ताकि पश्चिमी उप्र में पार्टी के वरिष्ठ नेता की भरपाई की जा सके। यही वजह है कि पीएम मोदी की बागपत जनसभा को सफल बनाने के लिए पार्टी संगठन दिन-रात तैयारियां कर रहा है। वहीं पिछली सरकार में दंगों की आग में झुलस चुके कैराना के लोगों को योगी सरकार ने उन बदमाशों से भी मुक्ति दिलाई है जिनकी वजह से वहां से पलायन हो रहा था। अब देखना यह है कि भाजपा को उपचुनाव में इसका कितना फायदा मिलता है। ध्यान रहे कि विधानसभा चुनाव के दौरान भी पश्चिमी उप्र में भाजपा विरोधी लहर का फायदा उठाने की विपक्ष की कोशिशों को उस दौरान झटका लगा था जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने असंतुष्ट जाट नेताओं के साथ बैठक कर चुनावी पासा पलट दिया था।

पार्टी ने उपचुनाव में जीत सुनिश्चित करने के लिए ठोस तैयारियां की हैं। पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर केंद्र सरकार की चार साल और प्रदेश सरकार की एक साल की उपलब्धियों के बारे में लोगों को बता रहे हैं। प्रभारी मंत्रियों से भी गांवों में जाकर चौपाल लगाने और प्रवास करने को कहा गया है। लोगों में मोदी सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के प्रति खासा उत्साह है। वहीं प्रदेश में 15 साल बाद कानून का राज स्थापित हुआ है। इसकी बदौलत उपचुनाव के नतीजे भाजपा के पक्ष में जाने वाले है।

- डॉ। महेंद्र नाथ पांडे, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष