इस लिस्ट में भी कांग्रेस रही पीछे
पिछले साल हुए लोकसभा और विभिन्न राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस ने खर्च करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी. इन चुनावों में बीजेपी ने जहां 714 करोड़ रुपये खर्च किए, वहीं कांग्रेस ने भी 516 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए. चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, दोनों राष्ट्रीय पार्टियों ने 2014 के लोकसभा चुनाव और आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम विधानसभा चुनाव में जो पैसे खर्च किए वह राकांपा (51 करोड़ रुपये से अधिक) और बसपा (30 करोड़ रुपये) जैसे मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय दलों से बहुत अधिक है. बीजेपी ने जहां सात अरब, 14 करोड़, 28 लाख 57 हजार 813 रुपये खर्च किए, वहीं कांग्रेस के 5 अरब, 16 करोड़, दो लाख 36 हजार और 785 रुपये खर्च हुए. दोनों दलों ने हाल ही में अपने चुनाव खर्च का ब्योरा चुनाव आयोग को दिया है. यह ब्योरा वर्ष 2014 के अगस्त में ही देना था. आयोग के दस्तावेजों के मुताबिक भाजपा ने अपने खर्च का ब्योरा गत 12 जनवरी को दिया जबकि कांग्रेस ने पिछले साल 22 दिसंबर को ही दे दिया.

आयोग के पास है खर्च का ब्योरा
छह मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतिक दलों बीजेपी, कांग्रेस, भाकपा, माकपा और राकांपा इन सबके चुनाव खर्च के आंकड़े आयोग के पास है. इसके अनुसार, बसपा ने 30 करोड़ 5 लाख 84 हजार 822 रुपए खर्च किए. माकपा ने 18 करोड़ 69 लाख 18 हजार 169 रुपए खर्च किए हैं. चुनाव आयोग ने भाकपा ने चुनावों में कितना खर्च किया है इसकी जानकारी साझा नहीं की है. आयोग ने कांग्रेस, बीजेपी, आम आदमी पार्टी सहित कुल 20 राजनीतिक पार्टियों को गत 28 नवंबर को अपने चुनाव खर्च का ब्योरा तय समयसीमा के अंदर पेश करने में नाकाम रहने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था. तब 15 दिनों में ब्योरा नहीं मिलने पर दलों की मान्यता वापस ले लेने की चेतावनी दी थी. नियमों के मुताबिक राजनीतिक दलों को विधानसभा चुनाव समाप्त होने के 75 दिनों और लोकसभा चुनाव की समाप्ति के 90 दिनों के अंदर चुनाव खर्च का ब्योरा देना होता है.

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