- कानपुर पुलिस के हाथ लगे किडनी के दलाल, छह को पकड़ा

-दिल्ली और कानपुर के दो-दो बिचौलिये हैं, कोलकाता का रहने वालो अरबपति है रैकेट का मास्टरमाइंड

-डोनर से किडनी लेकर दिल्ली के दो बड़े अस्पतालों में मुहंमांगे दामों पर होता है गैरकानूनी तरीके से ट्रांसप्लांट

-अब पुलिस को दिल्ली निवासी कोऑर्डिनेटर की तलाश, कई नामी डॉक्टर फंस सकते हैं पुलिस के जाल में

KANPUR : किडनी बेचने-खरीदने का रैकेट चलाने वाले छह बिचौलियों को शहर की पुलिस ने दबोच लिया। इनमें से दो कानपुर और दो दिल्ली के हैं। इन बिचौलियों ने पूछताछ में दिल्ली के दो बड़े कॉरपोरेट हॉस्पिटल का नाम बताया है जहां गैरकानूनी तरीके से किडनी ट्रांसप्लांट होता था। इन हॉस्पिटल की चेन पूरे देश में फैली है। पुलिस को पूछताछ में कई बड़े डॉक्टर का नाम पता चला है जो इस गोरखधंधे से जुड़े हैं। रैकेट का मास्टरमाइंड कोलकाता में रहने वाला अरबपति कोई राय है। अब पुलिस मास्टरमाइंड और डॉक्टर पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। इंस्पेक्टर ने बिचौलियों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है, लेकिन जांच का हवाला देकर अभी और जानकारी देने से मना कर दिया।

रेस्टोरेंट में कर रहा था सौदा

देश में सक्रिय किडनी रैकेट के तार कानपुर से जुड़े है। कानपुर के कई रईस लोगों ने किडनी ट्रांसप्लांट कराया है। साथ ही यहां के कई डोनर भी है। जिनका सौदा यशोदानगर निवासी बिचौलिये ने कराया था। नौबस्ता इंस्पेक्टर को इस बिचौलिये का पता चल गया था। यह बिचौलिया एक रेस्टोरेंट में डोनर से किडनी देने का सौदा कर रहा था, तभी पुलिस के मददगार ने उनकी बात सुन ली थी। उसने इंस्पेक्टर को जानकारी दी तो इंस्पेक्टर ने बिचौलिये को उठाकर पूछताछ की। जिसमें कड़ी से कड़ी खुलती गई। पुलिस ने उसकी निशनादेही पर पांच और बिचौलियों को दबोच लिया। पुलिस ने सभी को आमने सामने बैठाकर पूछताछ की तो उन्होंने दिल्ली के दो बड़े हॉस्पिटल का नाम बताया।

छह साल चल रहा है रैकेट

पुलिस पूछताछ में बिचौलियों ने बताया कि वे 2013 से इस रैकेट से जुड़े हैं। वे डोनर को ढूंढने के बाद दिल्ली निवासी एक कोऑर्डिनेटर के जरिए मास्टरमाइंड से बात करते हैं। मास्टरमाइंड पांच से दस लाख रुपये में डोनर को सेट करता है। इसके बाद वह मुंह मांगे दाम पर इन दो हॉस्पिटल को किडनी बेचता है। बिचौलियों ने यह भी बताया कि वे राय को जानते हैं, लेकिन वे उनसे मिले नहीं हैं। पुलिस का कहना है कि कोऑर्डिनेटर के पकड़ने जाने के बाद पूरे रैकेट का खुलासा हो जाएगा।

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पहले भी आ चुका है कानपुर का किडनी कनेक्शन

किडनी रैकेट में शहर का नाम इससे पहले भी बदनाम हो चुका है। दिल्ली पुलिस ने 5 अप्रैल 2016 को अपोलो हॉस्पिटल में सक्रिय किडनी रैकेट का खुलासा किया था। जिसमें कानपुर गुंजन विहार निवासी सत्यप्रकाश उर्फ आशू पकड़ा गया था। दिल्ली पुलिस की पूछताछ में पता चला कि सत्यप्रकाश रैकेट के लिए बिचौलिये का काम करता था। इस बार भी नौबस्ता इलाके से ही बिचौलिया पकड़ा गया है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट 29 मई 2014 को किडनी रैकेट और खून के काले कारोबार का खुलासा कर चुका है। जिसमें सबूतों के साथ खबर छापी गई थी कि कैसे बिचौलियों के जरिए किडनी का कारोबार हो रहा है। कैसे दिल्ली में किडनी का ट्रांसप्लांट होता है।