छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच) में बोन मेरो ट्रांसप्लांट जल्द शुरू होगा। अगले साल मई-जून से यह सुविधा शुरू हो जाएगी। टाटा स्टील के वाइस प्रेसीडेंट सुनील भास्करन ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि इसके लिए टाटा ट्रस्ट से मंजूरी मिल गई है। इस दौरान भास्करन ने बताया कि टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल से 25 सालों का अनुभव रखने वाले विशेषज्ञ डॉक्टर अनिल के धर टाटा मेन हॉस्पिटल से जुड़ेंगे। वे देश के तीन-चार शहरों में बोन मेरो का हॉस्पिटल खोल चुके हैं। बताया गया कि बोन मेरो ट्रांसप्लांट में बीमार व्यक्ति के खराब बोन मेरो को अच्छे बोन मेरो में बदला जाता है। इससे बीमार व्यक्ति का इम्यून सिस्टम पहले से अच्छा हो जाता है और उसके रोगों के लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है।

एडीएमएच में लगेगी नई मशीन

इसके अलावा अर्देशिर दलाल मेमोरियल हॉस्पिटल (एडीएमएच) में जल्द ही कैंसर के इलाज सुविधाआओं में इजाफा किया जाएगा। इसके लिए जीई हेल्थकेयर के सहयोग से यहां जल्दी ही नई मशीन लगाई जाएगी। कैंसर सर्जरी, रेडियोथैरेपी व कीमोथैरपी की सुविधा मिलेंगी। उन्होंने कहा कि टाटा स्टील बोलने पर नहीं, करने पर विश्वास करती है इसलिए कंपनी ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है।

मेडिकल कॉलेज को थोड़ा इंतजार

तकनीकी अड़चनों की वजह से जमशेदपुर में मेडिकल कॉलेज खुलने में देर हो रही है। टाटा स्टील के कॉरपोरेट सर्विसेज के उपाध्यक्ष सुनील भास्करन ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि अगले सेशन में यह चालू हो जाएगा। गुरुवार को टीएमएच में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर खोला जाना है। पीपीपी मोड पर जब भी कोई नया प्रोजेक्ट शुरू होता है तो उसमें सरकारी व निजी संस्थान, दोनों शामिल होते हैं। मणिपाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के केस में मामला थोड़ा अलग है। यहां टीएमएच और मणिपाल यूनिवर्सिटी, दोनो निजी संस्थान हैं। इसको लेकर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ बिंदुओं पर जवाब मांगा था। हमने जवाब दे दिया है और वे संतुष्ट भी हैं। सुनील भास्करन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले सेशन से मेडिकल कॉलेज की शुरुआत हो जाएगी।