-क्योलडि़या पीएचसी पर नहीं थे डॉक्टर, तीन नर्सो ने करायी थी डिलवरी

-तबीयत बिगड़ी तब पहुंचे डॉक्टर ने कर दिया रेफर, नहीं मिली एंबुलेंस

BAREILLY : क्योलडि़या पीएचसी में जच्चा-बच्चा की मौत होने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां, डॉक्टर के न रहने पर तीन नर्सो ने डिलीवरी करा दी। तबीयत बिगड़ी तो मौके पर पहुंचे डॉक्टर ने जच्चा-बच्चा को सीएचसी के लिए रेफर कर दिया, लेकिन एंबुलेंस नहीं मिल सकी। परिजन बच्चे को लेकर सीएचसी गए तो वहां भी डॉक्टर नहीं थे। इस दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया। इसके कुछ देर बाद जच्चा की भी मौत हो गई।

एम्बुलेंस नहीं मिली तो बाइक से ले गए

क्योलडि़या निवासी भीमसेन की पत्नी तेजवती 32 वर्षीय को सैटरडे रात प्रसव पीड़ा हुई। जिस पर भीमसेन ने उसे एडिशनल पीएचसी क्योलडि़या में एडमिट कराया था। परिजनों का आरोप है रात में कोई डॉक्टर नहीं था तो तीन नर्स ने 10:30 बजे डिलीवरी कराई। डिलीवरी के बाद बच्चे की हालत बिगड़ी तो भीमसेन ने एम्बुलेंस ड्राइवर से सीएचसी नवाबगंज चलने के लिए कहा लेकिन उसने साफ मना कर दिया, जिसके बाद भीमसेन का साला बबलू एक अन्य रिश्तेदार हरिवंश के साथ नवजात को बरसाती से ढंककर बाइक से ही नवाबगंज ले गए। वहां पर भी कोई स्टाफ नहीं मिला। तो वह निजी हॉस्पिटल ले गए जहां पर डॉक्टरों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया।

जच्चा को सीएचसी पर नहीं मिला इलाज

इसी दौरान क्योलडि़या पीएचसी पर एडमिट तेजवती की भी हालत बिगड़ गई। भीमसेन ने तेजवती को नवाबगंज सीएचसी ले जाने के लिए एम्बुलेंस ड्राइवर से फिर मिन्नतें कीं लेकिन वह ले जाने को तैयार नहीं हुआ। जिसके बाद निजी गाड़ी मंगवाकर वह तेजवती को सीएचसी नवाबगंज लेकर पहुंचे तो वहां मौजूद स्टाफ ने उसकी हालत देख हायर सेंटर ले जाने की सलाह दी। परिजन जब उसे निजी हॉस्पिटल ले गए तो डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया। भीमसेन के तीन बेटियां है।

 

जच्चा में पानी की कमी थी। डॉक्टर ने डिलीवरी कराई थी। बच्चे की हालत ठीक नहीं थी तो उसे सीएचसी के लिए रेफर किया था। वहां पर बच्चे की मौत की जानकारी मिली थी। महिला को भी रेफर किया था उसकी अभी जानकारी नहीं मिली है। एम्बुलेंस हमारे अडंर में नहीं है।

डॉ। सीपी सिंह, इंचार्ज एडिशनल पीएचसी क्योलडि़या

एंबुलेंस का कंट्रोल रूम लखनऊ से होता है। 108 पर कॉल किए बिना एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो सकती है। डॉक्टर मौके पर मौजूद थे, उन्होंने ही रेफर किया था।

डॉ। विनीत शुक्ला, सीएमओ