- पीएम बनने के बाद भी ब्रांडिंग का फंडा यूज कर रहे मोदी

- रेल का किराया बढ़ने के बाद वाट्स एप पर पब्लिक को किया अवेयर

piyush.kumar@inext.co.in

ALLAHABAD:

मैसेज वन- मोदी जी का पचीस दिन पूरा हुआ है और लोग अच्छे दिन के ताने मारने लगे। जवाहर लाल नेहरू क्म् साल, इंदिरा गांधी क्भ् साल, राजीव गांधी भ् साल और मनमोहन सिंह क्0 साल। इनको कुल मिलाकर ब्म् साल दिए। और हमसे सिर्फ ख्भ् दिन में ही अच्छे दिन चाहिए? इतनी जल्दी क्यों है भाई। अगर फल खाना है तो पेड़ को बड़ा होने दो दोस्तों

मैसेज टू- मोदी सरकार की रेलवे को अत्याधुनिक बनाने की पहल। रेल का किराया बढ़ा क्ब्-क्भ् प्रतिशत। ब्रांदा से मुम्बई जाना है। पहले फ्फ्0 रुपए लगता था और अब फ्7भ् रुपए लगेगा। लेकिन इन ब्भ् रुपए बढ़ने का फायदा आपको ही मिलेगा। ट्रेन में आप वाई फाई का मजा लेंगे। हर बोगी सीसीटीवी कैमरे से लैस होगी। ई टिकट के लिए क्00 करोड़ रुपए लागत से एक ऐसा साफ्टवेयर बनाया जा रहा है जिससे हर कोई अपने मोबाइल से ही टिकट बुक कर सकता है। और भी बहुत कुछ मिलेगा इन बढ़े हुए ब्भ् रुपए से

मैसेज थ्री-क्00 किलोमीटर की रेल यात्रा में ख्ख् रुपए देने में तकलीफ हो रही है और घर से स्टेशन 8 किलोमीटर जाने के लिए ख्00 रुपए में आटो बुक करके जाते हैं। वाह मेरे देश की पब्लिक । सरकारी सुविधा की कीमत बढ़ाने पर दुखी। प्राइवेट आदमी की लूट पर चुप। मुझे इतना विश्वास है कि बढ़ी महंगाई की एक-एक पाई सरकारी खजाने में जाएगी न कि स्विस बैंकों में।

मैसेज फोर- सस्ते सिनेमा घर में मूवी नहीं देखते हैं। मल्टीप्लेक्स में जाते हैं। ढाबे पे खाना नहीं खाते। महंगे होटल में खाते हैं। देशी शराब नहीं पीते। विदेशी ब्रांड की व्हिस्की के पेग लगाते हैं। पर जरा सा रेल का किराया बढ़ जाए तो बवाल मचाते हैं। हर दिन ख्00-फ्00 की दारू पीने वाले दारू महंगी हो रही है, इस पर कभी नहीं बोलते। सपने देखेंगे बुलेट ट्रेन के और किराया देना बैलगाड़ी का, गलत बात है।

अगर आप वाट्स एप यूज करते होंगे तो यकीनन इन चार मैसेज में कोई ना कोई आपके पास जरूर पहुंचा होगा। ये मैसेज रेल किराए में क्भ् प्रतिशत बढ़ाने के बाद तेजी से मार्केट में सर्कुलेट हुए। उस वक्त और तेजी आई जब रेल किराया के विरोध में विपक्षियों से चारों तरफ से हमला बोल दिया। सपा से लेकर कांग्रेस तक सड़क पर आ गए। इसी बीच ये मैसेज लोगों तक सोसल साइट्स की मदद पहुंचाया गया। ताकि पब्लिक ये समझ सके कि किराया जो बढ़ा है वह क्यों बढ़ा है। क्या वाकई में सरकार ने कोई गुनाह कर दिया।

चुनावी संग्राम तो याद है ना

ये वाट्स एप पर अचानक से नहीं होने लगा। अगर आप कुछ दिन पहले ही खत्म हुए चुनावी महासंग्राम को याद करें तो पता चलता है कि सोसल साइट्स पर सबसे ज्यादा हावी बीजेपी लीडर नरेन्द्र मोदी ही थे। जो आज हमारे देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं। चुनावी दौर में नरेन्द्र मोदी जी की एक स्पेशल टीम सोसल साइट्स पर काम करती थी। हर जगह जाने और आने के बाद उसकी डिटेल वाट्स एप पर शेयर की जाती थी। राजनीति से जुड़े सारे कमेंट और चुटकुले भी नरेन्द्र मोदी को जोड़ कर बनने लगे थे। सबसे हॉट आइटम था उस वक्त की पिक्चर। जिसमें कई बार नरेन्द्र मोदी को मास्टर पीस दिखाया गया था और उनके आगे पीछे कांग्रेस लीडर राहुल गांधी और अरविन्द्र केजरीवाल की पिक्चर थी।

तो क्या आज भी वही

जिस तरह से वाट्स एप पर रेल का किराया बढ़ने के बाद कमेंट आ रहे हैं। लोगों को बताया जा रहा है कि इस रेल का किराया क्यों बढ़ाया गया है। आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि इतना ज्यादा किराया बढ़ाने पर सरकार मजबूर हुई। बढ़े हुए किराए से सरकार रेल में कितना सुधार करने जा रही है। रेलवे को कितना ज्यादा अत्याधुनिक बनाया जा रहा है। इस तरह से मोदी के पक्ष में सरकार का व्यू रखा जा रहा है जिसे सरकार डॉयरेक्ट नहीं बता सकी। साइबर एक्सपर्ट की माने तो इस तरह से लोगों को अवेयर करना ज्यादा आसान है और वे इसे पढ़कर एक दूसरे से शेयर करते हैं। जिससे तेजी से प्रचार प्रसार होता है।