डेढ़ वर्ष से बंद हैं शहर के स्लाटर हाउस, फिर भी अवैध तरीके से कट रहे हैं पशु
नगर निगम के पास है 335 लाख, जिसका किसी और काम में होगा यूज
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ALLAHABAD: संगम नगरी में मॉडर्न स्लाटर हाउस के निर्माण पर ब्रेक लग गया है। कारण प्रदेश सरकार का मॉडर्न स्लाटर हाउस बनाने का अधिकार नगर निगम इलाहाबाद से छीन लिया जाना है। यह स्थिति तब है जबकि नगर निगम को प्रथम किश्त के रूप में 335.92 लाख रुपये मिल चुके हैं।
पिछले साल बंद हुए थे स्लाटर हाउस
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनने के बाद प्रदेश के पुराने बूचड़खानों को बंद करने का आदेश जारी किया गया था। 20 मार्च 2017 को नगर निगम प्रशासन ने करेली पुलिस की मौजूदगी में अटाला और नैनी के चकदोंदी मोहल्ले में मानक के विपरीत चल रहे स्लाटर हाउस पर ताला जड़ दिया था। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी बूचड़खानों को पर्यावरण के लिए खतरा बताते हुए बंद करने का आदेश दे चुका था।
हड्डी गोदाम की जमीन पर बनना था मॉडर्न स्लाटर हाउस
करेली में करामत की चौकी के पास हड्डी गोदाम की जमीन पर माडर्न स्लाटर हाउस बनना था। जिसके लिए पूर्व की प्रदेश सरकार द्वारा प्रथम किश्त के रूप में 335.92 लाख रुपये नगर निगम को जारी किये गये थे। अभी तक मॉडर्न स्लाटर हाउस का निर्माण शुरू नहीं हो सका है। नगर निगम के अफसरों का कहना है कि मॉडर्न स्लाटर हाउस बनाने का काम खाद्य एवं सुरक्षा विभाग को सौंप दिया गया है। वह मॉडर्न स्लाटर हाउस कहां बनाएगा? कब बनाएगा? कितनी धनराशि खर्च होगी? इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
मॉडर्न स्लाटर हाउस बनाने का अधिकार खाद्य एवं सुरक्षा विभाग के पास चला गया है। 335.92 लाख रुपया जो मिले थे वे अब भी खाते में हैं। शासन का जैसा निर्देश होगा उसके अनुसार पैसे का उपयोग किया जाएगा।
डा। धीरज गोयल
पशुधन अधिकारी, नगर निगम
मॉडर्न स्लाटर हाउस का प्रोजेक्ट
12
लाख लैंड साइट डेवलपमेंट के लिए
206.67
लाख सिविल वर्क बिल्डिंग के लिए
541.10
लाख प्लांट एंड इक्वीपमेंट के लिए
78
लाख कॉस्ट ऑफ प्रिपरेशन ऑफ डीपीआर
121.70
लाख कॉस्ट ऑफ स्टेब्लिशमेंट ऑफ डीपीआर
10 लाख
कंटीजेंसी जार्च
839.82
लाख टोटल प्रोजेक्ट कॉस्ट
90
पशुओं के वध की क्षमता थी अटाला स्लाटर हाउस की
300
जानवरों को रोज काटा जाता था