- प्रदूषण फैलाने वाले ईट भट्टों कसा शिकंजा

- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने उठाया था मुद्दा

आगरा। ताज को प्रदूषित कर रहे जिले में आठ ईट भट्टों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आदेश पर डीएम एनजी रवि कुमार ने गुरुवार को सभी आठ ईट भट्टों पर रोक लगाते हुए पांच सदस्यीय टीम गठित कर दी। टीम को इनका स्थलीय भौतिक सत्यापन करते हुए रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने 12 जून के अंक में ये मुद्दा प्रमुखता से प्रकाशित किया था।

जिगजैग टेक्निक का नहीं किया गया प्रयोग

जिले में संचालित ईट भट्टों को संचालित करने के लिए केन्द्रीय प्रदूषण विभाग ने जिगजैग टेक्निक का सुझाव दिया था, लेकिन किसी भी ईट भट्टा संचालक द्वारा इस तकनीकी का उपयोग नहीं किया गया। जून 2019 में हुई एयर एक्शन प्लान की मीटिंग में ऐसे ईट भट्टों के खिलाफ कार्रवाई पर मंथन हुआ था।

क्या है जिगजैग?

बता दें कि परंपरागत ईट भट्टे पर एक लाख ईट पकाने के लिए 12 टन कोयले का प्रयोग करते हैं। जबकि जिगजैग तकनीकी से एक लाख ईट पकाने के लिए नौ टन कोयले का इस्तेमाल हो सकेगा। लेकिन, यहां इस तकनीकी का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।

इन ईट भट्टों के बंदी के आदेश हुए जारी

- मै। न्यू बजरंग ब्रिक फील्ड गजौरा गोपालपुरा

- मै। श्री राम गुरु ब्रिक फील्ड गुर्जा फलू

- मै। गिरवर ब्रिक फील्ड पुराजवाहर सुताहरी

- मै। श्रीजी ब्रिक फील्ड रतौली

- मै। जय शिव शक्ति ब्रिक फील्ड नगला भरी

- मै। श्री श्यामलता जी ब्रिक फील्ड हुसैनपुरा पिनाहट

- मै। मां कैला देवी ब्रिक भदरौली

- मै। शिवशंकर ब्रिक फील्ड गोपालपुरा जैतपुर कलां

टीम में इनको किया गया है शामिल

- एसडीएम बाह

-सीओ बाह

- जिला खनन अधिकारी

- मुख्य अग्निशमन अधिकारी

- क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

वर्जन

जिले में आठ ईट भट्टों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए टीम गठित कर भौतिक सत्यापन को कहा गया है।

विश्वनाथ शर्मा, क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी

टीटीजेड एरिया

10400 वर्ग किमी

ईट भट्टे

1342

एनओसी

685

मुकदमा

दो पर

जिगजैग तकनीक का इस्तेमाल किया

किसी ने नहीं