-भूरा को भगाने में सामने आया दिल्ली के एक विधायक का हाथ

-विधायक ने बवाना गैंग को सौंपा था भूरा को भागने का जिम्मा

-विधानसभा चुनाव में होना था भूरा के खौफ का इस्तेमाल

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DEHRADUN : अमित उर्फ भूरा की गिरफ्तारी के लिए कड़ी से कड़ी जोड़ रही पुलिस को अहम सुराग हाथ लगने शुरू हो गए हैं। इसी कड़ी में दिल्ली के एक पूर्व विधायक का नाम भी सामने आ रहा है। सूत्रों की मानें तो विधायक भूरा के जरिए दिल्ली के विधानसभा चुनाव में अपने लिए काम करवाना चाहता था। यही कारण था कि उसने भूरा को छुड़वाने का जिम्मा कुख्यात बवाना गैंग को दिया। अब पुलिस विधायक से पूछताछ की तैयारी में जुट गई है।

विधायक का नाम आया सामने

दरअसल, रुड़की गैंगवार में सुद्धोवाला जेल में बंद कुख्यात अमित मलिक उर्फ भूरा क्फ् दिन पूर्व बागपत से उस वक्त भाग निकला जब वह हत्या के एक मामले में पेशी पर गया था। उसके साथी न केवल उसे छुड़ा ले गए बल्कि पुलिस कर्मियों के हथियार भी लूट ले गए, जिसके बाद उत्तराखंड, यूपी व दिल्ली पुलिस भूरा की तलाश में जुटी हुई है। अभी तक पुलिस भूरा को भगाने में अहम योगदान निभाने वाले प्रिंस कुमार व मोहम्मद गौरी को गिरफ्तार कर चुकी है। जिनसे पूछताछ में पुलिस को कुछ अहम सुराग हालगे हैं।

विधायक से पूछताछ की तैयारी

सूत्रों की मानें तो पूछताछ के दौरान प्रिंस कुमार व मोहम्मद गौरी ने भूरा को भगाने में दिल्ली के एक पूर्व विधायक का नाम बताया है। जिसने भूरा को भगाने का जिम्मा दिल्ली के कुख्यात गैंग बवाना को सौंपा था। वह भूरा के माध्यम से दिल्ली के विधानसभा चुनाव में अपने लिए काम करवाना चाहता था। इसी के तहत बवाना गैंग के क्ख् सदस्य टीम बागपत पहुंची और पुलिस अभिरक्षा में मौजूद कुख्यात अमित उर्फ भूरा को छुड़ा ले गई। हालांकि भागने के दो आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं। जिनके आधार पर पुलिस अन्य लोगों की धरपकड़ के प्रयास कर रही है। विधायक से भी पूछताछ की तैयारी की जा रही है।

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विधायक को लेकर उठ रहे सवाल?

देश की एक प्रतिष्ठित पार्टी के विधायक का नाम भूरा को भगाने में सामने आया है। जिसके कारण पुलिस पर भी दबाव बनने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में दिल्ली के इस विधायक पर पुलिस भी हाथ रखने से बचती हुई नजर आ रही है। अब देखना यह होगा कि पुलिस कैसे इस विधायक से पूछताछ करती है।

क्या है कनेक्शन ?

भूरा, बवाना और विधायक का क्या कनेक्शन है? इस पर पुलिस जांच कर रही है। सूत्रों की मानें तो सत्ता में रह चुके विधायक इस बार के चुनाव में भूरा के खौफ का इस्तेमाल चुनाव जीतने में कर सकते थे। इसके लिए वे भूरा के माध्यम से रंगदारी सहित अन्य माध्यमों से पैसे जुटाकर पैसे का इस्तेमाल चुनाव में करने की योजना बना चुके थे। जिस कारण पुलिस ने बवाना गैंग को भूरा को छुड़ाने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

कहां बनी प्लानिंग?

भूरा को भगाने में कई पहलुओं पर पुलिस जांच कर रही है, जिसमें विधायक का भी एक बिंदु है, लेकिन सवाल यह है कि भूरा को भगाने की यह प्लानिंग कहां और कैसे बनी? इस बात पर कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। यही कारण है कि पुलिस विधायक पर परे सबूतों के साथ हाथ रखना चाहती है। इस बात भी तहकीकात की जा रही है कि कहां भूरा को भगाने की योजना बनाई गई।

दिल्ली का गैंग ही क्यों?

भूरा को भगाने में बवाना गैंग का नाम पहले दिन ही सामने आ चुका है, अब विधायक का नाम उलझाने लगा है। सवाल यह उठ रहा है कि क्यों दिल्ली के ही गैंग को भूरा के भगाने की जिम्मेदारी सौंपी गई? सूत्रों की मानें तो विधायक भूरा के खौफ का इस्तेमाल पहले भी चुनाव जीतने में कर चुका है। यही कारण रहा कि उसने फिर से दिल्ली में हो रहे विधानसभा चुनाव में भूरा की जरूरत महसूस हुई। माना जा रहा है कि विधायक के तार बवाना गैंग से पहले से जुड़े रहे हैं।

'भूरा के बारे में पुलिस को कुछ अहम लीड हाथ लगी है, जिनके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है। उम्मीद है कि जल्द ही भूरा पुलिस की गिरफ्त में होगा.'

-बीएस सिद्धू, डीजीपी, उत्तराखंड