मिडिल क्लास कर रही है दूसरे जरूरी खर्चो कटौती

दोगुना हो गया है महीने का पेट्रोल बजट

Meerut। पेट्रोल व डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने लोगों के घर का बजट बिगाड़ दिया है। जिन घरों में दो या दो अधिक दुपहिया या चौपहिया वाहन हैं, वहां गणित लगाकर बजट में कटौती कर बैलेंस बनाया जा रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने लोगों के घरों में जाकर जाना कि उन पर पेट्रोल और डीजल के दामों में हो रही वृद्धि का क्या असर पड़ रहा है।

केस नंबर 1

ब्रह्मपुरी निवासी आयुष जिंदल पेशे से व्यापारी हैं। आयुष जिंदल के परिवार में पिता अनिल जिंदल, पत्नी ख्याति, बहन मानसी, भाई उदित सिंघल सभी अपने-अपने वाहनों का प्रयोग करते हैं। उनके परिवार में चार वाहन हैं, जिसमें एक कार 2 एक्टिवा और एक बाइक शामिल है। अभी तक पेट्रोल से बजट अधिक प्रभावित नहीं होता था लेकिन अब लगातार बढ़ते दामों ने परिवार का बजट प्रभावित करना शुरू कर दिया है। आयुष जिंदल ने बताया कि हर माह पेट्रोल पर केवल 5 से 6 हजार रूपये खर्च होते थे लेकिन पिछले माह से हो रही वृद्धि के कारण यह खर्च बढ़कर 8 हजार तक पहुंच गया है। जिसका सीधा असर दूसरे जरूरी खर्चो पर पड़ रहा है लेकिन वाहनों का प्रयोग भी लाजमी है। इसलिए आसपास के काम या शॉपिंग को पैदल ही निपटाकर बजट बैलैंस करने का प्रयास किया जा रहा है।

केस नंबर 2

माधवपुरम निवासी देवेंद्र मित्तल प्राइवेट जॉब में हैं। उनके परिवार में पत्नी ममता मित्तल, बेटी प्राची और बेटा आकाश हैं। बच्चे कोचिंग और कॉलेज जाने के लिए दुपहिया वाहनों का प्रयोग करते हैं। देवेंद्र मित्तल ऑफिस जाने के लिए कार का प्रयोग करते हैं। देवेंद्र मित्तल ने बताया कि जिस तरह पिछले माह से पेट्रोल-डीजल में वृद्धि हो रही है, उससे बजट बिगड़ने लगा है। वाहनों का प्रयोग कम करने के बाद भी पेट्रोल पर खर्च काफी अधिक हो रहा है। ऐसे में अब केवल जरुरी होने पर ही वाहन का प्रयोग कर बचट बढ़ने से रोका जा रहा है। घर के पेट्रोल का बजट 5 से 6 हजार रूपये तक रहता था, जिसे कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा है।

केस नंबर 3

एमपीएस स्कूल की शिक्षिका शिवानी और उनकी बहन पूजा और अंशू प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं। तीनों बहनें स्कूल आने जाने के लिए एक्टिवा का प्रयोग करती हैं। पेट्रोल का दाम बढ़ने से उनका मासिक बजट अब बिगड़ने लगा है। शिवानी ने बताया कि हर महीने हजार रूपये के पैट्रोल में काम चल जाता था लेकिन अब डेढ से दो हजार के बीच में पेट्रोल का खर्च पहुंच रहा है। वह आगे कहती हैं कि अब 3 हजार के बजाय करीब 7 हजार तक प्रतिमाह पेट्रोल पर खर्च हो रहे हैं।