तैनात थे 200 जवान 
दूसरे दिन के अभियान में पांच जेसीबी मशीन के अलावा 120 मेल व 80 फिमेल जवानों को लगाया गया था। अभियान शुरू हुआ और लगातार लोगों के कच्चा व पक्का झोपडिय़ों को तोड़ा जाने लगा। इस दौरान आबाद खटाल को भी नहीं बख्शा गया। नगर निगम के पीछे व एनएमसीएच के ईस्ट साइड के टिल्ले पर रहा झोपडिय़ों को भी नहीं बख्शा गया और उसे ढाह दिया गया.
मौजूद थे दर्जनों ऑफिसर
अभियान में एसडीओ योगेंद्र सिंह, डीएसपी हरिमोहन शुक्ला, डीसीएलआर ललित भूषण रंजन, ईएम उमेश कुमार सिंह, नगर निगम के ईओ अजय कुमार, सीओ शमीमउद्दीन, चीफ सिनेटरी इंसपेक्टर कृष्ण नारायण शुक्ला, सिटी कंट्रोल रूम इंचार्ज मथुरा बड़ाईक आदि के अलावा पुलिस ऑफिसर भी लगे थे.
बनाया जा रहा पीलर
एक तरफ इंक्रॉचमेंट हट रहा था, तो दूसरी ओर कांट्रैक्टर के द्वारा जल्ला रोड के साउथ में बने फुटपाथ के सटे पिलर गाडऩे का काम हो रहा था। एसडीओ योगेंद्र सिंह का कहना था कि यह अभियान कल दोपहर तक चलेगा। वहीं विस्थापित हुए परिवारों के बीच कंबल का वितरण कराया जाएगा। साथ ही सिटी के प्रमुख चौक-चौराहों पर आज से अलाव की व्यवस्था कराई जा रही है. 
खुले आसमान में गुजर रही रात
कच्चा व पक्का मकान तोड़े जाने के बाद लोग रोड के किनारे प्लास्टिक के नीचे ठंडी हवा के थपेड़ों व कुहासे के बीच रात काटने को मजबूर हैं। विस्थापित हुए वीणा देवी, माला देवी, पप्पू, कुंती देवी आदि का कहना था कि गरीबों की झोपड़ी पर ही साहेब लोगों को हाईकोर्ट का आदेश लागू कराना होता है। अंदर में जितना पक्का मकान वाला को छूने की हिम्मत ही नहीं है। तीन साल से उन लोगों के मामले में कोर्ट, पुलिस व प्रशासन के बाबू लोग निर्णय कर क्यों नहीं तोड़ते। हम सबों को विस्थापित कर कोर्ट को गुमराह करते हैं और बड़का सब के छोड़ले हैं.
विस्थापितों को बसाने की मांग
पटना सिटी। एनएमसीएच की जमीन पर वर्षों से बसे झोपड़पट्टी वालों को इस ठंड में विस्थापित किए जाने का विरोध किया गया है। भाकपा जिला परिषद के सदस्य व जनमुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष देवरत्न प्रसाद, मो। अली, ब्रजनंदन मेहता ने कहा कि इन सबों को अविलंब पुनर्वासित किया जाए। नेताओं ने पीडि़त परिवार के सदस्यों से मिलने के बाद कहा कि हाईकोर्ट का आदेश का सम्मान करते हुए गरीबों को कहीं बसाया जाए। बिहार सरकार गरीबों को तीन डिसमिल जमीन देने की घोषण करती है, मगर यह सिर्फ हवाबाजी बन रह गया है.

तैनात थे 200 जवान 

दूसरे दिन के अभियान में पांच जेसीबी मशीन के अलावा 120 मेल व 80 फिमेल जवानों को लगाया गया था। अभियान शुरू हुआ और लगातार लोगों के कच्चा व पक्का झोपडिय़ों को तोड़ा जाने लगा। इस दौरान आबाद खटाल को भी नहीं बख्शा गया। नगर निगम के पीछे व एनएमसीएच के ईस्ट साइड के टिल्ले पर रहा झोपडिय़ों को भी नहीं बख्शा गया और उसे ढाह दिया गया।

मौजूद थे दर्जनों ऑफिसर

अभियान में एसडीओ योगेंद्र सिंह, डीएसपी हरिमोहन शुक्ला, डीसीएलआर ललित भूषण रंजन, ईएम उमेश कुमार सिंह, नगर निगम के ईओ अजय कुमार, सीओ शमीमउद्दीन, चीफ सिनेटरी इंसपेक्टर कृष्ण नारायण शुक्ला, सिटी कंट्रोल रूम इंचार्ज मथुरा बड़ाईक आदि के अलावा पुलिस ऑफिसर भी लगे थे।

बनाया जा रहा पीलर

एक तरफ इंक्रॉचमेंट हट रहा था, तो दूसरी ओर कांट्रैक्टर के द्वारा जल्ला रोड के साउथ में बने फुटपाथ के सटे पिलर गाडऩे का काम हो रहा था। एसडीओ योगेंद्र सिंह का कहना था कि यह अभियान कल दोपहर तक चलेगा। वहीं विस्थापित हुए परिवारों के बीच कंबल का वितरण कराया जाएगा। साथ ही सिटी के प्रमुख चौक-चौराहों पर आज से अलाव की व्यवस्था कराई जा रही है. 

खुले आसमान में गुजर रही रात

कच्चा व पक्का मकान तोड़े जाने के बाद लोग रोड के किनारे प्लास्टिक के नीचे ठंडी हवा के थपेड़ों व कुहासे के बीच रात काटने को मजबूर हैं। विस्थापित हुए वीणा देवी, माला देवी, पप्पू, कुंती देवी आदि का कहना था कि गरीबों की झोपड़ी पर ही साहेब लोगों को हाईकोर्ट का आदेश लागू कराना होता है। अंदर में जितना पक्का मकान वाला को छूने की हिम्मत ही नहीं है। तीन साल से उन लोगों के मामले में कोर्ट, पुलिस व प्रशासन के बाबू लोग निर्णय कर क्यों नहीं तोड़ते। हम सबों को विस्थापित कर कोर्ट को गुमराह करते हैं और बड़का सब के छोड़ले हैं।

विस्थापितों को बसाने की मांग

पटना सिटी। एनएमसीएच की जमीन पर वर्षों से बसे झोपड़पट्टी वालों को इस ठंड में विस्थापित किए जाने का विरोध किया गया है। भाकपा जिला परिषद के सदस्य व जनमुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष देवरत्न प्रसाद, मो। अली, ब्रजनंदन मेहता ने कहा कि इन सबों को अविलंब पुनर्वासित किया जाए। नेताओं ने पीडि़त परिवार के सदस्यों से मिलने के बाद कहा कि हाईकोर्ट का आदेश का सम्मान करते हुए गरीबों को कहीं बसाया जाए। बिहार सरकार गरीबों को तीन डिसमिल जमीन देने की घोषण करती है, मगर यह सिर्फ हवाबाजी बन रह गया है।