यूपीआई में सेंधमारी पर अकाउंट से रकम उड़ा रहे हैकर्स

रकम ट्रांसफर करने के लिए कई लोग करते हैं ई-वॉलेट का इस्तेमाल

 

meerut@inext.co.in
MEERUT : ई-वॉलेट के माध्यम से रकम ट्रांसफर करने में अगर आपने सावधानी नहीं बरती तो यह नुकसानदायक साबित हो सकता है। दरअसल, बीते एक महीने में हैकर्स ने यूपीआई में सेंधमारी पर पांच लोगों के अकांउट को खाली कर दिया है। साइबर सेल में मामला भी दर्ज हो चुका है। वहीं, एसपी क्राइम डॉ। बीपी अशोक ने इस बाबत अलर्ट भी जारी किया है।


ऐसे करते हैं सेंधमारी

ऑनलाइन तरीके से हैकर्स उन उपभोक्ताओं को चिन्हित करते हैं, जो ई-वॉलेट सबसे ज्यादा यूज करते हैं।

 

इसके बाद हैकर्स बैंक मैनेजर या कर्मचारी बताकर उपभोक्ताओं से जानकारी हासिल करने के लिए फोन करते हैं।

 

उनके मोबाइल नंबर पर यूपीआई कोड भेजते हैं और इसे बैंक में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर फारवर्ड करने को कहते हैं़

 

जाल में फंसकर उपभोक्ता यदि उक्त कोड को फारवर्ड कर देता है तो शातिर उससे वर्चुअल प्राइवेट अकाउंट (वीपीए) बना लेते हैं़

 

यह अकाउंट यूपीआई पर होता है़ साइबर शातिर यूपीआई/वीपीए अकाउंट क्रिएट करके उपभोक्ता के खाते से रकम ट्रांसफर कर लेते हैं।

 

यही नहीं, बैंक की कस्टमर केयर सर्विस क्रेडिट कार्ड ब्लॉक भी कर तो भी हैकर्स रकम ट्रांसफर कर लेते हैं।

 

क्या है यूपीआई

यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के माध्यम से उपभोक्ता अपने खाते से किसी भी बैंक में सीधे रकम ट्रांसफर कर सकता है़ वर्तमान में देश के 60 से 65 बैंक यह सुविधा प्रदान करते हैं। इसमें एक दिन में एक लाख रुपये तक किसी भी बैंक के खाते में ट्रांसफर करने की सुविधा है़

 

यह है केस

12 दिसंबर 2018

किराना व्यापारी आरके गुप्ता की सदर कबाड़ी बाजार में दुकान है। हैकर्स ने उनके अकाउंट से 72 हजार रुपये निकाल लिए।

 

27 दिसंबर 2018

दिल्ली रोड आर.के पुरम निवासी सूरज कुमार शर्मा को बीते दिनों हैकर्स ने बैंक कर्मचारी बनकर फोन किया। उनसे यूपीआई संबंधित जानकारी भी ले ली। इसके बाद उनके अकाउंट से 40 हजार रुपये की रकम पार हो गई।

 

सतर्कता ही इसका एकमात्र बचाव है़ किसी को भी अपने खाते से संबंधित कोई जानकारी न दें़ किसी के भी कहने पर मांगी गई जानकारी या अन्य सामग्री फारवर्ड न करें़

डॉ। बीपी अशोक एसपी क्राइम