- राजधानी की सड़कों पर चलने वाली अधिकतर सिटी बसें खटारा

- कभी बीच सड़क पर खराब तो कभी हादसे का शिकार होती हैं बसें

LUCKNOW:

एक ओर राजधानी में बस अड्डों को संवारने का काम किया जा रहा है। नई-नई योजनाएं बनाई जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर राजधानी की लाइफलाइन कही जाने वाली सिटी बस सेवा की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। खटारा हो चुकी सिटी बसों में यात्री जान जोखिम में डालकर यात्रा करने को मजबूर हैं। किसी बस का ब्रेक फेल हो रहा है तो किसी के टायर फट रहे हैं और तो और बस में आग लगने के हादसे भी हो चुके हैं।

घंटों करना पड़ता इंतजार

सिटी बसों का हाल यह है कि आए दिन ये डिपो से निकलते ही खराब हो जाती हैं, जिससे यात्रियों को बीच सफर में दूसरी बसों का इंतजार करना पड़ता है। सिटी बस से जुड़े अधिकारियों के अनुसार दो माह पहले नए एमडी ने सिटी बसों का संचालन बेहतर करने की बात कही थी, लेकिन यहां तो इनका संचालन पटरी से उतरते दिख रहा है।

लगातार हो रहे हादसे

शनिवार को दुबग्गा डिपो से निकलीं दो सिटी बसें थोड़ी दूरी ही तय कर पाई थीं कि ये बंद हो गई। यह कोई पहला मामला नहीं है। कुछ दिनों पूर्व ही धरना स्थल के पास एक सिटी बस का टायर फट गया था और वह अनियंत्रित होकर डिवाइडर पर चढ़ गई थी। इसी तरह शहीद पथ के पास एक सिटी बस में आग लग गई थी। जिस पर ड्राइवर और कंडक्टर ने काबू पाया था। इन सभी घटनाओं के बाद डिपार्टमेंट के अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन कहीं कोई असर दिखाई नहीं दिया।

पटरी से उतरा संचालन

सिटी बसों की व्यवस्था संभालने के लिए दो माह पहले सिटी बस प्रबंधन के एमडी ए रहमान की जगह परिवहन निगम में तैनात आरिफ सकलेन को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन इन दो माह में स्थिति यह हो गई है कि बसों का मेंटीनेंस तक नहीं हो पा रहा है। नए एमडी पुरानी बसों का रोना रोते हुए पीपीपी मॉडल पर आने वाली नई बसों का इंतजार कर रहे हैं।

बसों की लाइफ पर कन्फ्यूजन

जेएनएनयूआरएम योजना के अंतर्गत 2009 में राजधानी में 260 सिटी बसें आई थीं। लेकिन इन बसों की लाइफ तय नहीं की जा सकी। सीएनजी होने के कारण यह स्पष्ट नहीं है कि इन बसों का संचालन कब तक किया जाएगा। खटारा होने के बाद भी इन बसों का संचालन शहर में किया जा रहा है।

बसों के संचालन के लिए उनका प्रॉपर मेंटीनेंस किया जा रहा है। यात्रियों को सिटी बसों में सफर की सुविधा देने के लिए हर संभव प्रयास जारी हैं।

आरिफ सकलेन

एमडी सिटी बस प्रबंधन