आगरा। भूकंप के झटकों ने जहां लोगों का बहुमंजिला इमारतों से मोह भंग कर दिया है, तो वहीं बिल्डरों का चैन छीन लिया है। पहले से ही मंदी की मार झेल रहे बिल्डर्स के सामने भूकंप के झटकों ने मुश्किलों का पहाड़ खड़ा कर दिया है। करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट धूल फांक रहे हैं, जिनका कोई खरीदार नहीं मिल रहा। इधर, लोग अब मल्टीस्टोरी में प्रॉपर्टी खरीदने के बजाय जमीन लेकर भवन निर्माण का मन बना रहे हैं। परेशान बिल्डर्स लोगों को आगरा के भूकंप जोन में नहीं होने का तर्क देते फिर रहे हैं, निर्माण के नियमों के अनुसार निर्माण कार्य कराने की दुहाई दे रहे हैं।

बनाने लगे अपार्टमेंट से दूरी

धरती में कंपकंपाहट फिलहाल भले ही बंद हो गई हो, लेकिन लोगों के जहन में अब भी भूकंप की दहशत बरकरार है। इसी का असर देखने को मिल रहा है कि लोग अब मल्टीस्टोरी बिल्डिंग से दूरी बना रहे हैं। दयालबाग निवासी कप्तान सिंह चाहर ने बताया कि कुछ दिन पहले तक बहुमंजिला इमारत में रहने का मन था। कुछ बिल्डर्स से प्लैट लेने के संबंध में बातचीत भी हुई, लेकिन हाल ही में आए भूकंप ने आंखें खोल दीं हैं। उन्होंने बताया कि अब वे प्लॉट लेकर मकान बनवाएंगे। वह अपने रिश्तेदारों को भी प्लॉट लेकर मकान बनवाने की सलाह देंगे।

सिटी में100 से ज्यादा मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स

एडीए सचिव कैप्टन प्रभांशु श्रीवास्तव ने बताया कि शहर में करीब 100 से अधिक मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स हैं। करीब इतनी ही बिल्डिंग्स निर्माणाधीन हैं। ऐसे में अब सवाल उठता है कि निर्माणाधीन बिल्डिंग्स का क्या होगा? जबकि हालात यह हैं कि पहले से ही बहुमंजिला इमारतों में रह रहे लोग अब उन्हें छोड़ने का मन बना रहे हैं।

हमारे पास हैं विकल्प

अधिकांश लोगों का मानना है कि आगरा जैसे शहर में काफी विकल्प हैं। सेक्टर-4 निवासी राजवीर सिंह ने बताया कि खुद का मकान आगरा में आसानी से बनाया जा सकता है, तो फिर फ्लैट में क्यों रहा जाए। बहुमंजिला इमारतों में रहना दिल्ली-नोएडा की मजबूरी हो सकती है, लेकिन आगरा की नहीं।

डरे, सहमे हैं लोग

नेपाल में आए भूकंप के दौरान आगरा में भी दो दिन भूकंप के झटके महसूस किए गए। पुष्पांजलि अपार्टमेंट में भगदड़ के दौरान एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई, जिसके बाद से बहुमंजिला इमारतों में रहने वालों में भय व्याप्त है।

हैलो! क्या आपकी बिल्डिंग भूकंपरोधी है?

इसे लोगों की जाकरूकता कहें या फिर भय। जो लोग फ्लैट लेने के इच्छुक हैं, अब वे बिल्डर्स को फोनकर पूछ रहे हैं कि क्या आपकी बिल्डिंग भूकंप रोधी है। अगर है तो उसकी भूकंपरोधी क्षमता क्या है। भूकंप आने के बाद इस तरह की ही जानकारी करने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है।

आर्कीटैक्ट अनुराग खंडेलवाल ने बताया आगरा में अधिकांश बहुमंजिला इमारतें सुरक्षित नहीं हैं। अगर भूकंप 7 के स्केल पर आता है तो कुछ भी शेष नहीं बचेगा, क्योंकि कुछ बहुमंजिला इमारतों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश का निर्माण भूकंपरोधी क्षमता के मुताबिक नहीं हैं।

नालंदा बिल्डर्स के डायरेक्टर ने कहा कि भूकंप का असर बहुमंजिला इमारतों पर नहीं है बल्कि सिंगल स्टोरी मकान पर है। इसका उदाहरण नेपाल में देखा जा सकता है। वहां पर एक भी बहुमंजिला इमारत नहीं गिरी है, जो भी इमारत गिरीं हैं वे सभी सिंगल स्टोरी गिरे हैं। बहुमंजिला इमारतें भूकंपरोधी बनाई जाती हैं। भूकंप का बहुमंजिला इमारतों पर कोई असर नहीं है।

मां पीतांबरा बिल्डर्स के प्रमोद यादव भूकंप आने के बाद असर पड़ा है। लोगों में डर है। बावजूद इसके लोग क्वेरी करने के लिए आ रहे हैं। लोगों को बताया जा रहा है कि बहुमंजिला इमारतें भूकंपरोधी हैं, भूकंप का कोई असर नहीं पडे़गा।

बिल्डर छोटे लाल बंसल के मुताबिक भूकंप आने के बाद लोगों में भय है। फ्लैट खरीदने से पहले बिल्डिंग के बारे में जानकारी कर रहे हैं कि भूकंपरोधी है अथवा नहीं और अगर है तो प्रतिरोधक क्षमता क्या है।