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- बजरंग दल संयोजक विजय यादव हत्याकांड में चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया

- सपा नेता ने निभाई गिरफ्तारी में भूमिका, दोनों के झगड़े में तय था किसी न किसी का मरना

KANPUR: अर्मापुर थाने के पीछे पूर्व बजरंग दल संयोजक विजय यादव की नृशंस हत्या के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने यह गिरफ्तारी कल्याणपुर में रहने वाले एक सपा नेता की मध्यस्थता से की। आरोपियों से शुरूआती पूछताछ में पता चला है कि विजय यादव के साथ चल रहे उनके झगड़े में किसी न किसी का मरना तय था। वह न मरें, इसके लिए विजय की हत्या कर दी। उसे अर्मापुर थाने के पीछे समझौते के लिए ही बुलाया गया था। जहां उसे घेर कर मार डाला गया। विजय की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसके साथ हुई बर्बरता की पुष्टि हुई है।

विजय का बर्बरता से किया कत्ल

विजय यादव का शनिवार सुबह पोस्टमार्टम हुआ। उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर 17 धारदार चोटों की पुष्टि हुई। ज्यादा खून बहने से उसकी मौत हुई। उसके गले, गर्दन के पीछे, सीने पर, सिर व पैरों पर सभी जगह चोटें आई। मुमकिन है उसे मारने के लिए सिर्फ चापड़ ही नहीं बल्कि चाकू, छुरी का भी इस्तेमाल हुआ।

किसी न किसी को मरना था

विजय यादव और विनय झा के बीच चल रही दुश्मनी का पता इलाके में सभी को था। यह भी निश्चित था कि विजय के जेल से छूटते ही दोनों के बीच विवाद और गहराएगा। जिसे देखते हुए एक सपा नेता भी सक्रिय हुआ। उसने समझौते की भूमिका बनाई। पुलिस की माने तो विनय ने अपनी पत्‍‌नी के जरिए विजय को समझौते के लिए अर्मापुर थाने के पीछे बुलाया था। हालांकि पूनम वहां मौजूद थी कि नहीं, यह साफ नहीं है।

वायरल वीडियो ने बिगाड़ा खेल

दरअसल विजय की हत्या के बाद सभी आरोपियों को कोर्ट में सरेंडर करने की प्लानिंग थी, लेकिन घटना के बाद अस्पताल ले जाते वक्त विजय के भाई वीर बहादुर ने बोलेरो में ही उसका मोबाइल से जो वीडियो बनाया। उससे 'खेल' बिगड़ गया। रात को यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। जिसके बाद सपा नेता भी विनय को शरण देने से पीछे हट गया। पुलिस ने मामले में 6 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। जिसमें विनय झा की पत्‍‌नी का नाम नहीं है। पुलिस ने रात को ही 4 मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। जिसमें विनय और उसका भाई भी शामिल है।