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काल्विन हॉस्पिटल में शुरू हो गई थेरेपी, इलाज के लिए बडे़ शहरों में जाते थे मानसिक रेागी

vineet.tiwari@inext.co.in

PRAYAGRAJ: सुसाइडल टेंडेंसी, डिप्रेशन, उन्माद जैसी मानसिक बीमारियों के रोगियों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना होगा .काल्विन हास्पिटल में ईसीटी यानी इलेक्टो कम्पल्सिव थेरेपी की शुरुआत हो चुकी है। इस तकनीक में मरीज को बेहोशी की हालत में दिमाग की सिंकाई की जाती है.इसके बाद मरीज खतरे से बाहर आ जाता है। फिर उसका इलाज दवाओं के जरिए किया जाता है। अभी तक इस इलाज के लिए मरीजों को यूपी के बड़े शहरों समेत मेट्रो सिटीज में जाना पडता था।

आपे से बाहर हो जाते हैं मरीज

कई बार मानसिक रोगी आपे से बाहर हो जाते हैं। दवाओं से उनका इलाज नहीं हो पाता है। सीजोफ्रेनिया, उन्माद, सुसाइडल टेंडेंसी, डिप्रेशन आदि मामलों में उसका तत्काल ईसीटी पद्धति से इलाज दिया जाता है। इसमें उसे एनेस्थीसिया देकर दिमागी सिंकाई की जाती है। कुछ साल पहले तक एसआरएन हॉस्पिटल में यह थेरेपी होती थी। लेकिन मरीजों को बिना एनेस्थीसिया इलाज दिया जाता था। बाद में इसे सरकार ने अवैध करार दे दिया। इसमें मरीजों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता था। ईसीटी की नई तकनीक को काल्विन हॉस्पिटल में इंट्रोड्यूस किया गया है।

तेजी से बढ़ रहे मरीज

शहर में मानसिक रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। डॉक्टर्स कहते हैं कि बदलते परिदृश्य में जीवन की भागदौड़ और डिप्रेशन के चलते लोग कई बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। ऐसी बीमारियों का इलाज भी महंगा होता है। ऐसे में ईसीटी उपलब्ध होना मरीजों व उनके परिजनों के लिए राहत का सबब साबित हो सकता है.कई मरीज इस थेरेपी से इलाज के लिए दिल्ली, मुबई और बंग्लुरु जाते हैं।

यह एक बड़ी सफलता है। बहुत से मरीजों को अब दूसरे शहरों में नहीं जाना होगा। उनका पैसा और समय दोनों बचेगा। मरीजों का ईसीटी से इलाज भी शुरू करा दिया गया है।

-डॉ वीके सिंह, एसआईसी, काल्विन हॉस्पिटल

मानसिक रोगियों के लिए यह थेरेपी बेहतर साबित हो सकती है। पहले एसआरएन में व्यवस्था थी। लेकिन बैन हो जाने बाद मरीज इधर-उधर भटकने लगे। अब काल्विन हास्पिटल में आसानी से इलाज उपलब्ध है।

-डॉ। राकेश पासवान, मनोरोग चिकित्सक, काल्विन हॉस्पिटल