कानपुर। भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा टेस्ट टीम इंडिया के नाम रहा। नॉटिंघम में खेले गए इस मैच में भारत ने अंग्रेजों को 203 रनों से मात दी। इस जीत में भारतीय कप्तान विराट कोहली का अहम योगदान रहा। विराट ने 200 रन बनाए और वह मैन ऑफ द मैच रहे। क्रिकेट इतिहास में यह पहला मौका है अब जब किसी टेस्ट कप्तान ने सात बार 200 या उससे ज्यादा रन विनिंग टीम के लिए बनाए। विराट से पहले यह रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के दो दिग्गज कप्तान डॉन ब्रैडमैन और रिकी पोंटिंग के नाम था। इन दोनों ने यह कारनामा 6 बार किया था।

विराट ने 7वीं बार किया ये कारनामा

ईएसपीएन क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, विराट बतौर कप्तान अपनी टीम की जीत में सात बार 200 या उससे ज्यादा रन बना चुके हैं। कोहली ने इसकी शुरुआत 2016 में वेस्टइंडीज के खिलाफ नॉर्थ साउंड ग्राउंड से की थी। तब विराट के बल्ले से पहली पारी में ही 200 रन निकले थे। इसके बाद 2017 में इंदौर में न्यूजीलैंड के खिलाफ विराट ने (211 और 17) रन बनाए थे। फिर उसी साल विशाखापत्तनम में इंग्लैंड के खिलाफ कोहली ने (167 और 81) रन बनाए। मुंबई में इंग्लैंड के विरुद्ध कोहली ने पहली पारी में 235 रन बना दिए, वो मैच भारत ने जीत लिया था। फिर 2017 में हैदराबाद में बांग्लादेश के खिलाफ कोहली ने (204 और 28) रन बनाए। यही नहीं 2018 में नागपुर में श्रीलंका के खिलाफ 213 रन बनाए थे और अब नॉटिंघम में विराट ने 97 और 103 रन बनाकर यह कारनामा सातवीं बार कर दिखाया।

धोनी ने एक बार किया था

भारत के एक और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने भी यह कारनामा किया था। हालांकि उन्होंने यह सिर्फ एक बार किया है। साल 2013 में चेन्नई में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ माही ने 224 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली थी जिसमें भारत को जीत मिली थी। खैर बतौर कप्तान धोनी, विराट से भले ही काफी आगे हों मगर जब बात बल्लेबाजी की आती है तो कोहली ज्यादा बेहतर हैं। टेस्ट क्रिकेट में मौजूदा भारतीय कप्तान ने जहां बतौर कप्तान सात बार 200 या उससे ज्यादा रन जीत के लिए बनाए तो वहीं ओवरऑल उन्होंने यह कारनामा 10 बार किया जिसमें 3 बार भारत हार गया था।

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