PATNA : सभी राजनीतिक पार्टियों ने मिशन 2019 पर काम करना शुरू कर दिया है। टिकटों का जोड़ घटाव शुरू हो चुका है। सोमवार को एडीआर ने एक ऐसी रिपोर्ट जारी की, जिसने बिहार में राजनीति में सनसनी फैला दी। पिछली तीन लोकसभा चुनाव में जनता के चुने सांसदों में कितने 'अपराधी' हैं, इनका विश्लेषण आते ही सभी पार्टियों ने ऐसे नेताओं की लिस्ट तैयार बनानी शुरू कर दी है, जिन पर अपराधिक मामले दर्ज हैं। अब देखना यह है कि क्या इन राजनेताओं को टिकट मिलेगा या नहीं। कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ऐसे राजनेता, जिन पर आपराधिक मामले दर्ज है उनका निपटारा स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट में किया जाए।

राजनीति में बढ़ते गए अपराधी

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक 2004 लोकसभा में चुने गए 38 प्रतिशत सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज थे। 2009 लोकसभा चुनाव में यह बढ़कर 42 प्रतिशत हो गया और 2014 में 70 प्रतिशत सांसद ऐसे चुने गए जिन पर कोई न कोई क्रिमिनेल केस चल रहा है। 2004 में 25 प्रतिशत सांसद पर जघन्य अपराध का मुकदमा चल रहा था। वहीं 2009 में यह घटकर 14 प्रतिशत पर आ गया लेकिन 2014 में चुने गए सांसदों में हर दूसरा जघन्य अपराध का आरोपी है।

 

50 फीसदी हर पार्टी में दागी

बिहार में तीन बड़ी पार्टियां है। बीजेपी, जेडीयू और आरजेडी। तीनों पार्टियों में आपराधिक छवि वाले सांसदों का ही बोलबाला है। आप भी देखिए गणित।

 

बीजेपी: वर्ष 2004 लोकसभा में बीजेपी के 60 प्रतिशत सांसद आपराधिक छवि वाले थे। वर्ष 2009 में यह 10 प्रतिशत घटा था लेकिन वर्ष 2014 में यह 68 प्रतिशत हो गया। अब यह देखना कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा घटता है या बढ़ता है।

 

जेडीयू : इस पार्टी में सबसे कम अपराधी सांसद है। 2004 लोकसभा में 17 प्रतिशत सांसद पर ही अपराध का आरोप था। 2009 में यह 39 प्रतिशत हो गया। 2014 में चुने गए सांसदों में 50 प्रतिशत ऐसे थे जिन पर अपराध का मुकदमा चल रहा है।


आरजेडी : इस पार्टी में अपराधी छवि वाले सांसद सबसे तेजी से आगे बढ़े। 2004 में जहां 46 प्रतिशत ही सांसद अपराध के आरोपी थे, वहीं 2009 में यह आंकड़ा 50 प्रतिशत पर पहुंच गया। 2014 में यह डबल होकर सीधे 100 प्रतिशत हो गया।


आधे सांसद हैं जघन्य अपराधी

एडीआर की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि बिहार में 50 प्रतिशत सीटिंग एमपी पर जघन्य अपराध का मामला दर्ज है। 70 प्रतिशत एमपी ऐसे है जिन पर कोई न कोई आपराधिक केस कोर्ट में विचाराधीन है। आप भी देखिए किस पार्टी में कितने है सांसद पर चल रहे अपराध के मुकदमे।

 

राज्यसभा में भी 31 फीसदी 'अपराधी'

एडीआर ने बिहार से राज्यसभा भेजे गए आपराधिक छवि वाले सांसदों की सूची भी जारी की है। बिहार से 16 राज्यसभा सांसद में 31 प्रतिशत ऐसे है जिन पर आपराधिक मामले दर्ज है। 19 प्रतिशत सांसदों पर गंभीर अपराध का मुकदमा चल रहा है।