- सीबीआई ने उन्नाव कांड में एक चार्जशीट अदालत में दाखिल की

- सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता के पिता की मौत के मामले की सीबीआई जांच पूरी

चार्जशीट में दोषी

अतुल सिंह सेंगर

विनीत मिश्र उर्फ विनय मिश्र

बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा

राम सरन सिंह उर्फ सोनू सिंह

शशि सिंह उर्फ सुमन सिंह

क्लीनचिट
शैलेश सिंह उर्फ शैलू

इन धाराओं में चार्जशीट
147, 148, 149, 323, 504, 506, 302

11 जुलाई की तारीख नियत की
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LUCKNOW : उन्नाव कांड में सीबीआई ने सामूहिक दुष्कर्म पीडि़ता की पिता की मौत के मामले में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह सेंगर समेत पांच लोगों को दोषी पाते हुए राजधानी स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में शनिवार को चार्जशीट दाखिल कर दी। दायर चार्जशीट में आरोपी के रूप में सेंगर की करीबी महिला शशि सिंह उर्फ सुमन सिंह भी शामिल है। सीबीआई अभी इस मामले में दर्ज अन्य केसों की विवेचना भी कर रही है जिनमें विधायक और पुलिसकर्मियों की घटना की संलिप्तता के सुबूत जुटाए जा रहे हैं। वहीं, मामले में आरोपी शैलेंद्र सिंह उर्फ शैलू को सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी। जिसके बाद कोर्ट ने उसे रिहा करने का आदेश जारी कर दिया। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिये 11 जुलाई की तारीख नियत की है।

घर के सामने की थी पिटाई
सीबीआई ने यह केस विगत 12 अप्रैल को दर्ज किया था। इसमें उन्नाव के सराय थोकमाखी निवासी विनीत मिश्र उर्फ विनय मिश्र, बीरेंद्र सिंह उर्फ बउवा, राम सरन सिंह उर्फ सोनू सिंह, जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह सेंगर, शशि सिंह उर्फ सुमन सिंह और शैलेश सिंह उर्फ शैलू को आरोपी बनाया था। सीबीआई ने यह केस उन्नाव पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर दर्ज किया था। इसमें पीडि़ता की मां आशा सिंह ने आरोप लगाया था कि विगत तीन अप्रैल को उसके पति सुरेंद्र सिंह अपनी नाबालिग बेटी के दुष्कर्म के केस में पैरवी के लिए दिल्ली से उन्नाव आए थे। शाम तकरीबन छह बजे आरोपितों ने उन्हें घेर कर गाली-गलौज की और घर के सामने पिस्टल की बट से बेरहमी से पिटाई करने लगे। इसका विरोध करने पर उन्होंने वहां मौजूद बाकी परिजनों के साथ भी मारपीट की। इससे उनके पति को गंभीर चोटे आई थी। सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू करने के बाद विधायक के भाई और सुमन सिंह को गिरफ्तार भी किया था। वहीं बाकी आरोपितों ने सीबीआई के सामने सरेंडर कर दिया था।

120बी का केस अभी बाकी
सीबीआई को अभी मामले में दर्ज एक अन्य केस की विवेचना पूरी करनी है। इसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और माखी थाने में तैनात पुलिसकर्मी आरोपित हैं। दरअसल इस केस में सीबीआई यह पता लगा रही है कि पीडि़ता के पिता की पिटाई के बाद उसे साजिश रचकर गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया। माखी थाने में तैनात पुलिसकर्मियों ने बुरी तरह घायल सुरेंद्र सिंह का इलाज कराने के बजाय उसे कट्टा साथ रखने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। वहीं विधायक ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस के आलाधिकारियों से पैरवी की जिससे उसका इलाज तक नहीं हो सका और जेल में रहने के चार दिन बाद ही उसकी मौत हो गयी।

आखिरी पल तक पुलिस रही मददगार
उन्नाव के थाना माखी में पीडि़ता के परिजनों की ओर से दर्ज मामले में पीडि़ता के पिता की मौत के बाद भी पुलिस खेल करने से बाज नहीं आई। पीडि़ता के पिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मारपीट में बड़ी आंत फटने से हुए सेप्टीसीमिया की वजह से मौत की पुष्टि होने पर पुलिस ने मामले में धारा 304 ए (गैरइरादतन हत्या) की बढ़ा दी। जबकि, यह सीधा हत्या का मामला था। जब अधिकारियों से इस बाबत पूछताछ शुरू हुई तो वे भी बैकफुट पर आ गए। हंगामा बढ़ता देख मामले में गैरइरादतन हत्या की धारा को हत्या की धारा में तरमीम किया गया। सीबीआई जांच में भी आरोपियों पर हत्या का दोष सही साबित हुआ।

फैक्ट फाइल

19 पेज की चार्जशीट

75 गवाहों के बयान दर्ज किये

53 दस्तावेजी साक्ष्य भी कोर्ट को सौंपे

14 साक्ष्य कोर्ट मे कराये जमा

टाइमलाइन

3 अप्रैल को हुई थी मारपीट की घटना

4 अप्रैल को फर्जी मुकदमा दर्ज कर पीडि़ता के पिता को भेजा जेल

9 अप्रैल को जेल में हालत बिगड़ी, इलाज के दौरान मौत

10 अप्रैल को विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर को किया गया अरेस्ट

12 अप्रैल को सीबीआई ने दर्ज की एफआईआर