RANCHI : हजारीबाग सिविल कोर्ट में दिनदहाड़े गैंगवार की घटना ने अदालतों की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। अदालत में अत्याधुनिक हथियार के साथ अपराधियों की बेधड़क एंट्री। बम विस्फोट और फिर एके-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग। गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव समेत तीन को मौत की नींद सुलाकर आसानी से अपराधियों का फरार हो जाना। इस पूरे घटनाक्रम से कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठना लाजिमी है। इस घटना के बाद आई नेक्स्ट ने रांची सिविल कोर्ट का रियलिटी चेक किया तो यहां भी सुरक्षा में छेद होने की बात सामने आई। हाजत की सुरक्षा नाममात्र की। कोर्ट जाने के चार रास्ते हैं, पर कुछ गेट पर इक्का-दुक्का जवान ही नजर आए। कोई भी बेरोकटोक आसानी से अदालत में घुस रहता था। न पूछताछ और न ही चेकिंग। ऐसे में कहीं न कही यहां की सुरक्षा भी ताक पर है।

कोर्ट मे जाने के हैं चार रास्ते

1- दरभंगा हाऊस के सामने से

दरभंगा हाउस के सामने से भी सिविल कोर्ट में प्रवेश करने का रास्ता है। यहां स्थित गेट से अंदर घुसने पर बायीं ओर एडवोकेट्स के बैठने की व्यस्था है। यहीं से कोर्ट कैंपस में घुसने का भी रास्ता है। इस रास्ते में सिक्योरिटी के लिए इंतजाम नहीं है। ऐसे में इस रास्ते से कोई भी बेरोकटोक अंदर घुस सकता है। इसे देखने वाला कोई नहीं है।

2. बार एसोसिएशन के सामने वाले गेट से

कोर्ट में प्रवेश करने का दूसरा रास्ता डीटीओ ऑफिस के बगल से है। इस रास्ते से बार एसोसिएशन में प्रवेश किया जा सकता है। बार एसोसिएशन से दाहिने गए रास्ते से भी कोर्ट में आसानी से घुसा जा सकता है। यहां भी सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर महज खानापूर्ति देखने को मिलती है।

3. कलेक्टेरिएट के बगल से जाने का रास्ता

कलेक्टेरिएट जाने वाले रास्ते से भी सिविल कोर्ट में घुसा जा सकता है। इसी रास्ते से कोर्ट में जाने का मेन गेट है। अदालती काम के सिलसिले में आनेवाले ज्यादातर लोग इसी गेट का इस्तेमाल करते हैं। इसी गेट से होकर कैदियों को जेल से अदालत में पेशी के लिए लाया जाता है। यहां सुरक्षाकर्मी तो तैनात है, लेकिन सुरक्षा के हिसाब से उनकी संख्या काफी कम है।

4. बजरंगबली मंदिर के पास के रास्ते से

सिक्योरिटी के ख्याल से बजरंगबली मंदिर के बगल से कोर्ट जानेवाले रास्ते को बंद तो कर दिया गया है, पर यहां से अभी भी कोर्ट में जाने का रास्ता खुला हुआ है। एक-एक कर इस गेट से आसानी से कोर्ट में घुसा जा सकता है। ऐसे में यह रास्ता भी कई मायनों मे अनसेफ है।

एडवोकेट्स बोले, भगवान भरोसे कोर्ट की सुरक्षा

कोर्ट आने-जाने के कई रास्ते हैं, पर यहां सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति होती है। बार एसोसिएशन में सीसीटीवी है, लेकिन रेगुलर चेकिंग नहीं होती है। कोर्ट कैंपस में सिक्योरिटी बढ़ाने की जरूरत है।

मनोज कुमार

जिस दिन कोर्ट खुला रहता है, पुलिस फोर्स यहां तैनात रहती है। कोतवाली पुलिस भी कभी-कभार पेट्रोलिंग करते पहुंच जाती है,पर यहां जितनी सुरक्षा होनी चाहिए, वह नहीं है।

सुधीर श्रीवास्तव

चाहे आम आदमी हो या अपराधी, वह कोर्ट कैंपस में आसानी से प्रवेश कर सकता है। न तो उसकी चेकिंग होती है और न ही जवान तैनात रहते हैं। वैसे सुरक्षा के मकसद से बार एसोसिएशन की ओर से एडवोकेट्स के लिए ड्रेस कोड की व्यवस्था की जा रही है।

मो तनवीर