-हर दिन 10 हजार से अधिक की है ओपीडी
-कुंभ मेले के लिए बनाए गए स्पेशल हॉस्पिटल का हाल
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PRAYAGRAJ: कुंभ में अब तक ढाई लाख से अधिक श्रद्धालु बीमार हो गए हैं। संगम में स्नान के बाद ठंड-गर्म का चक्कर सेहत को घनचक्कर बना दे रहा है। सर्दी-खांसी और सांस फूलने के साथ अन्य संक्रमण का अटैक हो रहा है। कुंभ मेला को लेकर बनाए गए केंद्रीय अस्पताल से लेकर हर सेंटर मरीजों से हांफ रहे हैं। अब तक सात मरीजों की मौत भी हो चुकी है और अधिक संख्या में लोग प्राथमिक उपचार के बाद बाहर चले गए हैं। बीमारी का यह आंकड़ा रिकार्ड तोड़ रहा है।
हर दिन बढ़ रही है संख्या
हर दिन मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। केंद्रीय अस्पताल में एक दिन की ओपीडी जहां 2167 है वहीं मेला के लिए बनाए गए अन्य अस्पतालों में गुरुवार को 10 हजार से अधिक मरीज आए हैं। केंद्रीय अस्पताल में 6 और जमुना पट्टी में एक मरीज की मौत हो चुकी है। एक्सपर्ट की राय में बीमारी का कारण मौसम का परिवर्तन और खान पान में लापरवाही है।
-चौंकाने वाला आंकड़ा
262734 मरीज अब तक बीमार हुए हैं।
11223 मरीज 24 घंटे में कुंभ मेला अस्पताल में आए।
07 मरीजों की अब हो चुकी है इलाज के दौरान मौत।
132 मरीज पर्सनल रिक्वेस्ट पर डिस्चार्ज होकर चले गए।
88969 मरीज केंद्रीय चिकित्सालय में इलाज के लिए आए।
12010 मरीज जमुनापट्टी में इलाज के लिए आए।
15938 मरीज बक्शी बांध में इलाज के लिए आए।
4561 परेड पश्चिमी हॉस्पिटल में इलाज के लिए आए।
6206 मरीज आईईआरटी में इलाज के लिए आए।
18174 मरीज झूंसी सेक्टर-10 अस्पताल में इलाज के लिए आए।
24549 मरीज झूंसी सेक्टर-12 अस्पताल में इलाज के लिए आए।
13552 मरीज झूंसी आईडीएच अस्पताल में इलाज के लिए आए।
46001 मरीज झूूंसी सेक्टर-16 में इलाज के लिए आए।
11962 मरीज अरैल टेंट सिटी अस्पताल में इलाज के लिए आए।
2749 मरीज अरैल टेंट सिटी आईडीएच में इलाज के लिए आए।
4128 मरीज पुलिस चिकित्सालय में इलाज के लिए आए।
11824 मरीज एफएपी में इलाज के लिए आए।
1114 मरीज हर दिन अस्पताल से मेला अस्पताल से हो रहे रेफर।
2347 मरीज हर दिन केंद्रीय अस्पताल से हो रहे डिस्चार्ज।
कोल्ड अटैक का कहर
श्रद्धालुओं में सबसे अधिक कोल्ड अटैक हो रहा है। सर्दी, खांसी, बुखार, उल्टी, दस्त के साथ साथ मानिसक बीमारी भी परेशान कर रही है। ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीजों की तो हालत खराब है। कुंभ के दौरान भीड़ और डस्ट के साथ खान-पान में लापरवाही बीमारी बढ़ाने का कारण है। बाहर से आने वालों को सबसे अधिक चिंता स्नान की होती है और वह प्रयागराज में पहुंचने के साथ ही स्नान की तैयारी में जुट जाते हैं। वह मौसम और समय पर जरा भी ध्यान नहीं देते हैं और यही बीमारी का बड़ा कारण है। डॉक्टरों का कहना है कि मरीजों श्रद्धालुओं को चाहिए कि वह अपनी सुविधा के अनुसार स्नान करें। अक्सर भीड़ से बचने के लिए श्रद्धालु जल्दीबाजी करते हैं और बीमार पड़ जाते हैं।
श्रद्धालुओं में कोल्ड अटैक अधिक है। सर्दी खांसी और बुखार के साथ बीपी के मरीजों की संख्या बढ़ी है। अस्पताल में तत्काल इलाज मिलने से जल्द आराम मिल जा रहा है।
- दीपक सेठ, सीएमएस