48.5 करीब कुल वोटिंग हुई इस बार छात्रसंघ चुनाव में

55.3 फीसदी रहा लड़कों का वोटिंग परसेंटेज

32.8 फीसदी रहा लड़कियों का वोटिंग परसेंटेज

चार साल में बढ़ा वोटिंग परसेंटेज

साल कुल वोटिंग परसेंटेज (लगभग)

2018 48.5 फीसदी

2017 45.5 फीसदी

2016 40 फीसदी

2015 35 फीसदी

-इविवि छात्रसंघ चुनाव में जमकर हुई मनमानी, धरी रह गई सारी तैयारी

-महिला छात्रावास के भीतर भी छात्राओं ने प्रत्याशी के समर्थन में जारी रखी कैम्पेन

-ऑनलाइन एवं ऑफलाइन रिकार्ड ने बनाया घनचक्कर, मूल फीस रसीद को लेकर भी किचकिच

ALLAHABAD: सेंट्रल यूनिवर्सिटी इलाहाबाद में सेशन 2018-19 में छात्रसंघ चुनाव के लिए मतदान शुक्रवार को हुआ। सुबह आठ बजे शुरू हुआ मतदान दोपहर दो बजे समाप्त हुआ। इस दौरान सीनेट हाउस परिसर और वुमेन कॉलेज कैम्पस में छात्र-छात्राओं ने वोट डाले। सीनेट हाउस परिसर में छात्रों एवं वुमेन कॉलेज में छात्राओं ने मतदान किया। पूरी चुनावी प्रक्रिया को सम्पन्न करवाने के लिए एयू कैम्पस और यूनिवर्सिटी रोड पर जगह-जगह सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। जिला, पुलिस एवं एयू एडमिनिस्ट्रेशन के सभी बड़े अफसर मौके पर मौजूद रहे। एसएसपी नितिन तिवारी खुद पूरी चुनावी प्रक्रिया का घूम-घूमकर जायजा लेते रहे।

सुबह की फीकी शुरुआत

सुबह के सत्र में मतदान फीका रहा। दोपहर 12 से 02 बजे तक कैम्पस में मतदान के लिए छात्र-छात्राओं की अच्छी खासी भीड़ रही। इस दौरान तमाम ऐसे स्टूडेंट्स रहे जिनका नाम ऑनलाइन की वोटर लिस्ट में तो था, लेकिन जब वे मतदान के लिए पहुंचे तो ऑफलाइन रिकार्ड से उनका नाम नदारद रहा। तमाम विद्यार्थी ऐसे भी रहे जो ऑनलाइन निकाली गई फीस रसीद को लेकर पहुंचे। लेकिन उनसे मूल फीस रसीद मांगी गई, जिसको लेकर किचकिच होती रही।

एंट्री गेट के अंदर डटे रहे प्रत्याशी-समर्थक

कैम्पस में वोटिंग के दौरान कुछ खास किस्म के प्रत्याशी एवं उनके समर्थकों ने जमकर मनमानी की। इन्होंने बूथ तक घुसकर प्रचार-प्रसार जारी रखा। हाल यह रहा कि केपीयूसी के सामने स्थित एंट्री गेट पर चीफ प्रॉक्टर प्रो। एचएस उपाध्याय अपने व पुलिस फोर्स के दलबल के साथ मौजूद रहे। लेकिन प्रत्याशी और उनके समर्थक भारी पैमाने पर गेट के अंदर मौजूद रहे और वोटर्स को पकड़-पकड़कर अपने अपने प्रत्याशी को वोट देने की अपील करते देखे गए। इससे वोटर्स को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। ऐसा ही हाल वुमेन कॉलेज कैम्पस के भीतर भी रहा। यहां भी एंट्री गेट से लेकर बूथ तक घुसकर छात्राओं ने अपने अपने प्रत्याशियों के समर्थन में प्रचार जारी रखा। इसको लेकर एक बूथ पर छात्रनेता नेहा यादव की अन्य छात्राओं से जमकर बहस हुई। इसके बाद महिला पुलिस ने नेहा को बूथ से बाहर निकाला। नोटा के विकल्प का भी मतदाताओं ने खूब प्रयोग किया। देर शाम मतगणना सेंट्रल लाइब्रेरी में शुरू करवाई गई।

भइया जीत के अइहैं, भइया लड्डू खिलइहैं

-चुनाव के दौरान पूरी सड़क पम्फलेट से भर गई। पूरे समय जुलूस के आने जाने का सिलसिला जारी रहा।

-एक से बढ़कर एक चुटीले और आकर्षक नारे भी लगे।

-भइया जीत के अइहैं, भइया लड्डू खिलइहैं जैसे नारे खूब उछाले गए।

-समर्थक एक-दूसरे से चुनाव में जीत मिलने का पक्का वादा करते देखे गए।

-कई जगहों पर लगे पंडाल में पूड़ी-सब्जी खाने खिलाने का दौर चलता रहा।

-भारी संख्या में समर्थक ऐसे भी रहे जो आउटसाइडर रहे।

-इनमें हालिया समय में पुलिस की ओर से इनामिया घोषित किए गए छात्रनेताओं के समर्थकों का भी हुजूम और काम्पिटीशन देखते बना।

-सीनेट हाउस परिसर में जमा प्रत्याशी और उनके समर्थक एक-एक मतदाता से अपने अंदाज में वोट देने की अपील करते रहे।

-ऐसे में वोटर्स ने भी उन्हें यही आश्वासन दिया गया कि वे उन्हें ही वोट देंगे।

-इसमें जय श्री राम, एबीवीपी डायनामाइट, आ गया है आइसा छा गया है आइसा जैसे नारे बुलंद हुए तो नीला रंग और सपाई अंदाज भी देखने को मिला।

-ग‌र्ल्स हास्टल के गेट से अंदर तक जगह-जगह लड़कियों ने अपने पसंदीदा कैंडीडेट के लिए किया प्रचार।

-कई फॉरेन स्टूडेंट्स भी वोट डालने पहुंचे।

-इस दौरान जगह जगह पुलिस और युवाओं के हुजूम के बीच लुका छिपी का खेल भी देखने को मिला।

-पुलिस के जवानों ने समर्थकों के हाथ से पोस्टर छीनकर फाड़ा।

-छात्रसंघ भवन पर बने कंट्रोल रूम से थोड़ी-थोड़ी देर में डॉ। हौसिला सिंह की आवाज लाउडस्पीकर पर गूंजती रही।

-रिटर्निग ऑफिसर प्रो। आरके उपाध्याय की टीम भी पूरे समय सक्रिय रही।

-चुनाव खत्म होने के बाद बड़ी संख्या में युवा लाईब्रेरी गेट पर डट गए और अंदर से बाहर आ रहे प्रत्याशियों को कंधे पर बिठाकर सड़क पर काफी देर तक घुमाते रहे।