वासंतीय नवरात्रि का शुभारंभ

साल में दो बार नवरात्रि का आयोजन होता है, जिन्हे ग्रीष्म नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि कहते हैं। हिंदू नव वर्ष की शुरूआत में आने वाले नवरात्रि को चैत्र नवरात्रि कहा जाता है। नौ दिनों के इस उत्सव को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है। इस में शक्ति रूपा माता के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना होती है। 2018 में चैत्र नवरात्रि 18 मार्च से शुरू हो रहे हैं और 25 मार्च तक रहेंगे। इस बार अष्टमी और नवमी एक ही दिन 25 मार्च को मनाई जायेगी।

चैत्र नवरात्रि घट स्थापना का शुभ मुहूर्त

पंडित दीपक पांडे जी के अनुसार इस बार घट स्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं। इनमें से पहला शुभ मुहूर्त 18 तारीख को सुबह 06 बज कर 31 मिनट से 7 बज कर 46 मिनट तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त 11 बज कर 54 मिनट से प्रारंभ हो कर 12 बज कर 41 मिनट तक रहेगा। चैत्र शुक्ल पक्ष के नवरात्रि के साथ ही हिंदु नवसंवत्सर शुरू हो जाता हैं।

ऐसे करें घट स्थापना

नवरात्रि पूजा के प्रथम दिवस कलश की स्थापना के लिए पहले जहां घट रखना है उस स्थान अच्छी तरह साफ करके शुद्ध कर लें। इसके बाद गणेश जी का स्मरण करते हुए लाल रंग का कपड़ा बिछा कर उस पर थोड़ा चावल रखें। अब एक मिट्टी के पात्र में जौ बो कर, पात्र के उपर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें और इसके मुंह पर रक्षा सूत्र बांध दें। कलश पर रोली से स्वास्तिक बनायें। कलश के अंदर साबुत सुपारी, दूर्वा, फूल  और सिक्का डालें, फिर उस ऊपर आम या अशोक के पत्ते रख  कर ऊपर से नारियल रख दें। इसके बाद इस पर लाल कपड़ा लपेट कर उसे मौलि से लपेट दें। अब सभी देवी देवताओं का आवाहन करें और उनसे नौ दिनों के लिए घट में विराजमान रहने की प्रार्थना करें। दीपक जलाकर कलश का पूजन करें, और इसके सम्मुख धूपबत्ती जला कर इस पर फूल माला अर्पित करें।

साभार जागरण

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